जिला चिकित्सालय में लापरवाही चरम पर… | #TejasToday
प्रसूता महिला ने घंटों इंतजार करने के बाद फर्श पर दिया नवजात को जन्म
अस्पताल में तैनात स्टाफ ने नहीं सुनी पीड़िता की करुण पुकार
तेजस टूडे ब्यूरो जयेश बादल ललितपुर। जहां एक ओर आम जनमानस कोरोनावायरस से फैलने वाली महामारी से जूझ रहा है पर जैसे तैसे अपनी गुजर-बसर कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर कुछ लालची किस्म के मेडिकल स्टाफ की वजह से प्रसूताओं को समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा, जिसकी वजह से वह गर्भवती महिलाएं अपने बच्चे को फर्श पर ही जन्म देने को मजबूर हो जाती हैं, हालांकि भगवान की सीधी निगाह होने पर बच्चा भी पूर्ण रूप से सुरक्षित होता है लेकिन अस्पताल प्रशासन के इस अमानवीय कृत्य की घोर भर्त्सना भी होती है। इसी तरह की की घटना का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब हड़कंप मच गया, एक ग्रामीण गर्भवती महिला कोरोना जांच केंद्र के पास फर्श पर घंटों तड़पती हुई चीखती चिल्लाती पड़ी रही लेकिन अस्पताल में तैनात कोई स्टाफ उसकी मदद को नहीं आया और उसने अस्पताल की फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। प्रसव के दौरान अस्पताल में मौजूद अन्य महिलाओं ने उक्त महिला की मदद की जो एक शर्मसार करने वाली घटना है। मामला मा. कांशीराम संयुक्त जिला चिकित्सालय से जुड़ा हुआ है, जहां पर तैनात मेडिकल स्टाफ की संवेदनाएं मर चुकी हैं जो एक तड़पती हुई प्रसूता महिला को संगठित चिकित्सीय उपचार मुहैया नहीं करा सके जिसके बाद महिला ने फर्स पर ही नवजात को जन्म दिया। जब महिला चीखती चिल्लाती तड़प रही थी तभी वहां से निकल रहे किसी ने उसका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसमें स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि एक महिला अस्पताल की छत पर बैठी है और वहीं पास में एक मैली कुचली चादर पर उसका नवजात बच्चा लेटा हुआ है जहां अन्य कोई महिला आई और बच्चे को उठाकर अपने हाथों में ले लिया। जबकि महिला चीख चिल्लाकर कह रही थी कि मेरे बच्चे को बाहर की हवा लग जाएगी इसे अंदर अस्पताल में ले चलिए लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं था। बताया गया है कि उक्त महिला सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत कस्बा विरधा क्षेत्र के आसपास के इलाके की रहने वाली है जो गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य केंद्र विरधा प्रशव के लिए पहुंची थी। जहां तैनात डाक्टरों ने उस महिला को हाथ तक नहीं लगाया और उससे कह दिया कि पेट में उसका बच्चा अड़ा टेढ़ा है इसलिए वह उक्त महिला को यहां से बड़ी अस्पताल में ले जाए। जहां ऑपरेशन के माध्यम से उसका बच्चा पैदा हो सकता है अन्यथा की स्थिति में उसकी जान को खतरा भी हो सकता है। जिसके बाद महिला के गरीब परिजन उक्त महिला को जिला चिकित्सालय ले आए जहां उक्त महिला को कोविड जांच केंद्र के पास बने हार्ड केयर सेंटर के पास फर्श पर बैठा दिया गया। जहां महिला कई घंटों चीखती चिल्लाती और तड़पती रही लेकिन अस्पताल से कोई मेडिकल स्टाफ महिला के पास उसे हाथ लगाने नहीं आया और अंततः महिला ने सुबह-सुबह ही एक नवजात बच्ची को जन्म दिया जो बच्ची मैली कुचेली चादर पर यूं ही खुली हवा में पड़ी रही लेकिन उसकी इस स्थिति को देखकर किसी भी मेडिकल स्टाफ का दिल नहीं पसीजा। जिसके बाद वहां मौजूद अन्य महिलाओं ने उसकी मदद की और बच्चे को उठाकर अस्पताल के अंदर ले गई। अस्पताल प्रशासन के इस कृत्य वीडियो किसी ने बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जिसके वायरल होते ही हड़कंप मच गया। जबकि जिला चिकित्सालय का चार्ज तीन बार के बिनर जिला महिला चिकित्सालय के प्रभारी डा. हरेंद्र सिंह चौहान लिए हुए हैं जहां की व्यवस्थायें कुछ इस तरह की है कि यहां पर मेडिकल सेवाओं के लिए मरीजों को तड़पना पड़ता है। गौरतलब है कि जहां शासन-प्रशासन प्रसूता महिलाओं को संचित चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराकर सुरक्षित प्रसव कराने के लिए वचनबद्ध है तो वहीं दूसरी ओर मेडिकल स्टाफ की लापरवाही और जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से गर्भवती महिलाओं को ऐसी हालत से गुजरना पड़ता है और उनका प्रसव फर्श पर ही हो जाता है। जिला चिकित्सालय का यहां कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी कई ऐसे मामले संज्ञान में आते रहे हैं जहां गर्भवती स्त्रियों का प्रसव अस्पताल के फर्श पर ही हो गया।