छह घण्टे बाद एनडीआरएफ को मिली बड़ी कामयाबी, नलकूप से बाहर निकाला मासूम
अनिल कश्यप
हापुड़। थाना हापुड़ देहात क्षेत्र के कोटला सादात में एक करीब छह साल का मासूम मंगलवार को नगर पालिका के बंद पड़े नलकूप के बोरवेल में गिर गया जिससे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। आनन—फानन में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए और बच्चे को बोरवेल से निकलवाने का प्रयास शुरू कराया गया। वहीं कामयाबी ना मिलने पर गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम को बुलवाया गया है। और करीब 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की टीम ने मासूम को नलकूप से बाहर निकाल लिया।
बता दें कि कोटला सादात निवासी मोहसिन का करीब छह वर्षीय पुत्र खेल रहा था। अचानक वह नगर पालिका के बंद पड़े नलकूप के पास पहुंचे और वहां खुले पड़े बोरवेल में गिर गया। हादसे की जानकारी मोहल्ले में आग की तरह फैल गई। काफी संख्या में लोग और बच्चे के परिजन मौके पर पहुंचे।
सूचना मिलने पर एसपी दीपक भूकर, अपर जिलाधिकारी, एसडीएम समेत अनेक अधिकारी मौके पर पहुंचे। अफसरों ने बच्चे के निकलवाने का प्रयास शुरू कर दिया जिसके बाद गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम को भी बुलवाया गया है जिसके बाद स्थानीय पुलिस प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम की करीब छह घंटे चली कड़ी मशक्कत चली, करीब छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद टीम ने लोहे के रिंग को सरियों के माध्यम से बोरवेल में डालकर बच्चे को बाहर निकाल लिया। सीएमओ सुनील त्यागी ने बताया कि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। फिलहाल उसे कुछ समय के लिए निगरानी के लिए रखा जाएगा। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ऐसे हुआ था मालूम
बताया जा रहा है कि करीब साढ़े 11 बजे कुछ लोग सर्दी से बचने के लिए आग ताप रहे थे तभी कुछ बच्चों ने उन लोगों से कहा कि नगर पालिका के बंद पड़े नलकूप के खंडहर के बोरवेल से किसी बच्चे के रोने की आवाज आ रही है जिसके बाद लोगों ने बोरवेल के पास जाकर देखा तो वहां से वाक्य ही किसी बच्चे की रोने की आवाज आ रही थी कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने मुआविया को खंडहर की ओर जाते देखा था जिसके बाद परिजनों और पुलिस को मामले की सूचना दी गई।
अधिकारियों के फूले हाथ पैर
बच्चे के बोरवेल में गिरने की खबर से अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए। आनन—फानन में पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई। कुछ ही देर में डीएम मेधा रूपम, एसपी दीपक भूकर के अलावा नगर पालिका, स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई। वही करीब 3 घंटे बाद एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई।
नगर पालिका ने की थी लापरवाही
वहीं घटना को लेकर आस—पास के लोगों ने बताया कि नगरपालिका की यह नगर पालिका की लापरवाही थी। उन्होंने कहा कि नगर पालिका द्वारा यहां करीब 50 फीट गहरा बोर बनाया गया था, बोर का मुंह खुला छोड़ दिया गया था। कई बार मामले की शिकायत अधिकारियों से की गई लेकिन अधिकारियों ने इसकी सुध नहीं ली। इस कारण बच्चा खेलते-खेलते बोर के पास पहुंच गया और अचानक उसके अंदर जा गिरा।
पिता ने प्रशासन क किया धन्यवाद
बता दें कि रेस्क्यू के बाद मुआविया के पिता साजिद ने बताया कि वह प्रतिदिन की तरह कार्य करने के लिए गए हुए थे। सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंचे उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पूरा सहयोग दिया और कड़ी मशक्कत के बाद उनके पुत्र को सकुशल बाहर निकाल लिया जिसके बाद उन्होंने पूरे प्रशासन को धन्यवाद किया।
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