विशाल रस्तोगी
मिश्रिख, सीतापुर। स्थानीय नगर पालिका बनी नरक पालिका। बजबजाती नालियां एवं सड़कों के किनारे लगे कचरे के ढेर प्रधानमंत्री मोदी जी के स्वच्छ भारत मिशन ठेंगा दिखाने के लिए काफी हैं।
नगर पालिका परिषद मिश्रिख नैमिषारण्य के निवासी बसबजाती हुई नालियां सड़कों के किनारे लगे कचरे के ढेर दुर्गंध दे रहे हैं और भयंकर बीमारियों को दावत भी दे रहे हैं। इस विषय पर नगर पालिका परिषद के अधिशासी अभियंता रूद्र प्रताप से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आउटसोर्सिंग वाले कर्मचारी लगे हुए हैं और मोहल्ले बहुत बड़े हैं जिससे सफाई व्यवस्था बाधित हो रही है। परमानेंट कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने के बावजूद नगर में लगा कचरे का अंबार। इसी क्रम में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सरला देवी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पालिका में पैसा नहीं है और कर्मचारी हड़ताल पर थे। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष ने अपनी मजबूरी जताते हुए बताया कि कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
केवल परमानेंट कर्मचारी है और उन्हें भी तनख्वाह नहीं मिल पा रही है जिस कारण कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं। अब तो मिश्रिख नगर पालिका भगवान भरोसे ही दिख रही है। जिधर देखो जिस वार्ड में देखो कचरे से फटी हुई नाली और पानी से भरी हुई सड़कें, सड़कों कि किनारे लगे कचरे, चारों तरफ दुर्गंध का माहौल भयानक बीमारियों को दावत दे रहे हैं। अब तो इस नगर पालिका का ईश्वर ही मालिक है, क्योंकि जब स्वयं नगर पालिका अध्यक्ष ने ही हाथ खड़े कर दिए हैं तो फिर कौन पुर सा हाल होगा?
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