महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी ने हिन्दी सेवियों को किया पुरस्कृत
उप सम्पादक कृष्ण चन्द्र भी किये गये सम्मानित, शुभचिन्तकों ने दी बधाई
अखिलेश आर. तिवारी
मुम्बई। साहित्यकार राजाश्रित नहीं, बल्कि राजपुरस्कृत होना चाहिए। एक सच्चे साहित्यकार को पुरस्कृत कर उसे साहित्य सृजन और संस्कृति के संरक्षण करने हेतु प्रेरित करने का उत्तरदायित्व समाज और राष्ट्र का कर्तव्य होता है। उक्त बातें महाराष्ट्र राज्य हिन्दीं साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष प्रो. (डॉ.) शीतला प्रसाद दुबे ने अकादमी द्वारा आयोजित वर्ष 2023-24 के पुरस्कार वितरण समारोह में व्यक्त किया।
अकादमी द्वारा समारोह में दक्षिण भारत में भारतीय संस्कृति, ज्ञान परंपरा और हिंदी भाषा-साहित्य का मार्ग प्रशस्त करने वाले आचार्य उदयन मीमांसक को अखिल भारतीय जीवन गौरव पुरस्कार और ‘युग प्रवर्तक छत्रपति शिवाजी महाराज ‘जैसे अनेक महाकाव्यों के रचयिता डॉ. रामबोध पांडेय को राम मनोहर त्रिपाठी अखिल भारतीय जीवन गौरव पुरस्कार से और दैनिक यशोभूमि के उप संपादक कृष्णचंद्र दूबे को पद्मश्री अनंत गोपाल शेवडे हिंदी सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया। साथ ही हिंदी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 8 गणमान्यों को राज्यस्तरीय जीवन गौरव पुरस्कार प्रदान किया गया। वहीं हिंदी साहित्य की 14 विधाओं में स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पुरस्कार प्रदान किया गया।
ये सभी पुरस्कार महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष प्रो. शीतला प्रसाद दुबे, उपाध्यक्ष मंजू लोढ़ा, अकादमी के वरिष्ठ सदस्य डॉ. सुधाकर मिश्र एवं वरिष्ठ पत्रकार विमल मिश्र ने प्रदान किये। पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान बड़ी संख्या में साहित्यकार, पत्रकार, पुरस्कार मूर्ति, उनके परिवार के सदस्य, हिन्दीसेवी आदि उपस्थित थे।
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