एम्स के समीप खुले मेडिकल स्टोरों पर दवाओं में खुलेआम हो रही लूट
एम्स के समीप खुले मेडिकल स्टोरों पर दवाओं में खुलेआम हो रही लूट
डीएम के आदेश पर छापेमारी करके खानापूर्ति कर रहे ड्रग इंस्पेक्टर
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। मरीजों को सस्ते इलाज की आस मेडिकल स्टोरों के संचालकों की मनमानी के चलते धुंधली हो रही है। बताते चलें कि मुंशीगंज में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के आसपास खुले अधिकतर मेडिकल स्टोर मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। यही नहीं अधिकांश मेडिकल स्टोरों पर दवाओं की बिक्री फार्मासिस्ट की गैरमौजूदगी में की जाती है।
बीते दिनों पूर्व इनके कारनामे सोशल मीडिया में सुर्खियों पर आने के बाद डीएम के हस्तक्षेप के बाद विभाग हरकत में आया। जिलाधिकारी के आदेश के बाद बीते बुधवार को ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र प्रताप सिंह ने एम्स के समीप चल रहे मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की। इस दौरान चार मेडिकल स्टोरों पर खामियां मिलने पर बंद भी करा दिया गया। अब सवाल उठता है कि यदि इन मेडिकल स्टोरों पर शिकायत के पूर्व विभाग को खामियां क्यों नहीं मिली। सूत्रों की मानें तो यहां संचालित 22 मेडिकल स्टोरों में अधिकांशतः मानकों के विपरीत ही चल रहे हैं।
लेकिन खाऊ कमाऊ नीति के चलते यह कार्यवाही महज कुछ पर ही करके खानापूर्ति तक ही सीमित नजर आ रही है। आगे उच्चाधिकारियों को जवाब देने के नाम पर मेडिकल स्टोरों के संचालकों से मोटी रकम वसूल करके खामियों को छिपाते हुए रिपोर्ट लगा करके जांच की इतिश्री कर ली जाएगी। उल्लेखनीय है कि बाहरी कम्पनियों की महंगी दवाओं में ज्यादा मुनाफा मिलने से उनकी बिक्री करके मरीजों की जेब पर डाका डाला जा रहा है।
इतना ही नहीं कुछ मेडिकल पर एम्स में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री भी की जाती है जिस पर विभाग की नजर नहीं पड़ रही है। अब देखना है कि इन मेडिकल स्टोरों पर कड़ी विभागीय कार्यवाही करके मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा अथवा सिर्फ अवैध वसूली करके फिर उन्हें लूटने की छूट निरन्तर जारी रहेगी।
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