कृषि सखी प्राकृतिक खेती अपनाकर आर्थिक जीवन स्तर सुधार सकती है
कृषि सखी प्राकृतिक खेती अपनाकर आर्थिक जीवन स्तर सुधार सकती है
अतुल राय
वाराणसी। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है जिसको बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक खेती अपनाकर समूह से जुड़ी कृषि सखी दीदियां अपना आर्थिक जीवन स्तर सुधार सकेंगी। उक्त बातें उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत चयनित कृषि सखियों का प्राकृतिक खेती विषयक पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में जिला ग्राम्य विकास संस्थान परमानंदपुर पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए सत्र प्रभारी अमरनाथ द्विवेदी ने कही।
प्रशिक्षण प्राप्त कर रही कृषि सखियों को कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर का भ्रमण कराया गया जहां कृषि वैज्ञानिक डा. श्रीप्रकाश सिंह ने प्रशिक्षुओं को वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने की विधि इसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दिया। डा. अमितेश सिंह ने जीवामृत, बीजामृत, गाय के मूत्र गोबर आदि से बने ब्रह्मास्त्र के बारे में जानकारी दी गई। वही डा. मनीष पाण्डेय ने बागवानी के साथ सहफसली खेती आदि के बारे में जानकारी दी। इसी क्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. नवीन सिंह ने प्रशिक्षुओं को खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर डा. नरेन्द्र देव सिंह, प्रगतिशील कृषक सुमन देवी, सीसीओएफ उमाशंकर गुप्ता, सुरेश तिवारी, के0एल0 पथिक, सुरेश पाण्डेय, कृषि सखी सुमन देवी, संजूलता, सुनीता साहनी, तोता देवी, वृंदा देवी, सरोज, अनीता, उर्मिला देवी, शैला, पार्वती देवी, गीता, रेखा, मीना, माया देवी, मनीषा देवी, कान्ति देवी,राजमती, सुखिया, संगीता कुमारी, ज्योति, वंदना कुमारी, सकीला बेगम, निशु, पूनम पाल, पुष्पा देवी, इन्दु कुमारी, बिन्नी देवी, रेखा देवी, गिरजा सहित जनपद चंदौली के विकास खण्ड चकिया, नौगढ़, शहाबगंज से चयनित कृषि सखियों ने प्रतिभाग किया।
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