खाकी का खेल: पत्रकार पर जानलेवा हमला करने वालों पर पुलिस ने नहीं दर्ज किया 307 का मुकदमा
सिर में चोट होने के बावजूद 307 व 308 की धाराएं लगाने के बजाय 394 में ही भेजा जेल दिनदहाड़े हुआ था जानलेवा हमला, 3 दिन से फरार दो अपराधियों को अब तक नहीं दबोच पायी पुलिस
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। पीड़ितों व अनभिज्ञ ग्रामीणों को बरगलाने की कला को यदि कोई सीखे तो उसे शहर कोतवाली पुलिस से अच्छा खासा ज्ञान प्राप्त कर सकता है। बीती शुक्रवार को शहर कोतवाली क्षेत्र के अस्पताल चौराहा के निकट दिनदहाड़े एक वरिष्ठ पत्रकार पर जानलेवा हमला हुआ। ईंट पत्थर से पुलिसिया सह से मनबढ़ बेखौफ दबंगों ने सर पर सरेराह पत्थर मारकर लहूलुहान कर दिया किंतु पुलिस की नाक के सामने बेखौफ दबंग भाग निकले। सीसीटीवी कैमरे भी अपराधियों के मुंह ताकते रह गये।
सबसे शर्मनाक बात यह है कि प्रतिदिन पत्रकारों से अपनी वीर गाथा की खबरें छपवाने कि चेष्टा से मीडिया सेल में जानकारी साझा करने वाली रायबरेली पुलिस पत्रकार को न्याय देने के बजाय खेल करने पर उतर आई है। सर पर पत्रकार पर पत्थर से गहरा घाव करने वाले इतने शातिर अपराधियो पर पुलिस ने 307 अथवा 308 कि धारा लगाने के बजाए महज 147/ 337/ 427 व 394 की ही धारा लगाकर मामले से छुटकारा ले लिया। हालांकि 394 चोट मारकर लूट करने कि धारा में एक शातिर अपराधी को तो जेल भेज दिया है किंतु दो अब तक फरार हैं। पुलिस उन दबंगों को अब तक नहीं दबोच सकी है। पुलिस टीम ने एक आरोपी को दबोच कर वारदात में प्रयुक्त किया गया पत्थर और लूटे गए नगद रुपए भी बरामद कर लिया है। शेष अज्ञात आरोपियों की तलाश जारी करने का खोखला दावा किया है। पुलिस के मुताबिक जेल भेजे गए अभियुक्त के खिलाफ पूर्व से मारपीट जैसे आपराधिक आधा दर्जन से अधिक मुकदमे पहले से ही दर्ज हैं।
बताते चलें कि शुक्रवार दोपहर के बाद कोतवाली क्षेत्र के अस्पताल चौराहे पर शिवा सोनकर व उसके अन्य अज्ञात साथियों ने सुशील सिंह पुत्र श्रीपाल सिंह निवासी जवाहर विहार कॉलोनी मलिक मऊ थाना मिल एरिया पर दिन दहाड़े जानलेवा हमला कर गले की चैन व जेब में रखे नगदी लूट लिया। भीड़भाड़ इलाके में हूई इस वारदात ने पुलिस कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया था। घायलावस्था में खून से लथपत पत्रकार को उपचार के लिए जिला अस्पताल भर्ती कराया गया था। पत्रकार सुशील सिंह पर हुए हमले की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में पत्रकार परिवार सहित नेताओं ने पहुंचकर घटना के प्रति निंदा की थी। बताया जाता है कि घटना उस समय की है जब नामांकन के बाद राहुल गांधी का काफिला निकल चुका था और पत्रकार कवरेज़ के बाद जिला अस्पताल चौराहे से निकल रहा था।
मौके पर पहुंची शहर कोतवाली पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दिया था किंतु सर पर गम्भीर चोट होने के बावजूद आरोपी को सिर्फ चोट मारकर लूट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया सर पर गम्भीर चोट व मेडिकल रिपोर्ट में सर पर चोट की पुष्टि होने के बावजूद आरोपी को विवेचना तथा आरोपियों के पक्ष से बयान के आधार पर मामले का निपटारा करने के उद्देश्य से शहर कोतवाली पुलिस ने 307/308 जैसी धाराओं को दर्ज न कर एक ही आरोपी को जेल भेजा है। घायल पत्रकार के परिजनों ने विवेचना में जानलेवा हमला 307 की धारा बढाये जाने की मांग की है।
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