अगलगी घटनाओं से बचने के लिये अपने पास बालू, पानी, मिट्टी जरूर रखें: जिलाधिकारी
मुकेश तिवारी
झांसी। गर्मी में बहुत जगह आग लगने की घटनाएं होती है, इन घटनाओं पर कैसे कम वा इससे किसे बचा जा सकता है। इसी को लेकर जिलाधिकारी ने गर्मी के मौसम में आग से बचाव के लिए रहें सतर्क, आग लगने पर क्या करें। उन्होंने कहा कि अस्पताल, स्कूल, मॉल के अलावा सार्वजनिक और सरकारी प्रतिष्ठानों में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए। फायर एक्सटिग्विशर से लेकर फायर सुरक्षा अलार्म और अन्य व्यवस्थाएं होनी चाहिए।
जिलाधिकारी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज, संग्रहालय, सदर अस्पताल, बड़े स्कूल व अन्य सार्वजनिक स्थानों में आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम शायद ही दिखते हैं। इस बीच जनपद में नागरिक सुरक्षा संगठन कार्यालय में जिला आपदा प्रबंधन शाखा द्वारा कार्यशाला कर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसके माध्यम से आग लगने की घटनाओं की रोकथाम एवं प्रबंधन के मद्देनजर विभिन्न आपदा मित्रों को प्रशिक्षण दिया गया।
इस प्रशिक्षण में जिला अग्निशमन पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा, एसडीआरएफ की टीम ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में गर्मी के दिनों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि सावधानी ही बचाव है। आग से बचने और जानमाल की सुरक्षा के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। खलिहान को हमेशा गांवों की आबादी एवं फसलों से भी दूर खुले स्थान पर लगाएं, किसान भाई थ्रेसर का उपयोग करते समय डीजल इंजन या ट्रैक्टर के साइलेंसर को लंबे पाइप के द्वारा ऊंचाई पर रखें।
थ्रेसर के उपयोग करते समय पास में कम से कम 200 लीटर पानी भरकर अवश्य रखें, ताकि अपनी घटना से तुरंत निपटा जा सके। खलिहान के आसपास छोटी-छोटी बाल्टियों में बालू भरकर रखें। रोशनी के लिए सोलर लैंप, टॉर्च, इमरजेंसी लाइट इत्यादि बैटरी वाले यंत्र का ही प्रयोग करने का सुझाव दिया।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में विशेष रूप से खेतों में आग लगने की संभावनाएं अधिक होती है इसे रोकने के लिए किसान एक खलिहान से दूसरे खलिहान की दूरी 20 फीट से कम ना रखें। खलिहान ऐसी जगह लगाएं, जहां फायर ब्रिगेड की गाड़ी आसानी से पहुंच सके जहां जल स्त्रोत नजदीक हो जैसे नदी, तालाब, कुआं, बोरिंग। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि खलिहान में कच्ची फसलों का बड़ा टाल ना लगाया जाए। खलिहान के आसपास अलाव ना जलाएं, यदि बहुत आवश्यक हो तो पानी से भरी बाल्टियों को अवश्य पास में रखें।
उन्होंने हिदायत करते हुए कहा कि बिजली की नंगी तारों के नीचे खलिहान नही होना चाहिए। खलिहान में पूजा में उपयोग किए जाने वाले वस्तु अगरबत्ती, धूप, दीपक इत्यादि पर नजर रखें, जब तक कि वह पूरी तरह बुझ न जाए। उन्होंने आग ना लगे की जानकारी देते हुए कहा कि खलिहान के आसपास किसी भी उत्सव के दौरान आतिशबाजी का प्रयोग ना तो स्वयं करें नहीं दूसरे को करने दें।
बांस के खंबे के द्वारा नंगे बिजली के तार खेतों में ना रखें। खेतों के आस—पास बीड़ी- सिगरेट आदि ना पिएं तथा ना ही किसी को पीने दें। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जनपदवासियों से अपील किया कि आपके आस—पास अग्निकांडों की घटनाओं की सूचना अतिशीघ्र कंट्रोल रूम सहित अग्निशमन पदाधिकारी तक शीघ्र पहुंचाएं, ताकि अग्निशमन वाहनों को त्वरित कार्रवाई हेतु भेजा जा सके।
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