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कलयुगी मां ने एक दिन के बच्ची को झाड़ियों में फेंका | #TejasToday
फिरोजाबाद। कलयुगी मां द्वारा नवजात बालिका को झाड़ियों में फेंक दिए जाने के बाद उसके दिल से क्या आह निकली होगी? इसको हमने अपनी खबर के माध्यम से उस कलयुगी मां तक पहुंचाने का प्रयास किया है जो अपने कलेजे के टुकड़े को एक पल में छोड़कर चली गई।
‘मां’ मुझे इतना बता दे आखिर मेरा कसूर क्या था। मुझे इतना बड़ा दंड तूने क्यों दिया। मैं जानती हूं कि इतना बड़ा कदम तूने ऐसे ही नहीं उठाया होगा। तुझे या तो लोकलाज का भय होगा या फिर बेटे की ममता और प्यार पाने की चाहत रखने वालों ने तुझे ऐसा करने के लिए मजबूर कर दिया होगा। मुझे बेटी होने का दंड मिला लेकिन मैं जीवित रही तो मेरे अंदर तेरा ही खून रहेगा। यह दुनियां वाले मुझे बदनसीब कहेंगे। पैदा होते ही आखिर मैंने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया जो तू मुझसे नाराज हो गई। तुझसे सवाल तो बहुत हैं लेकिन मैं इस लायक भी नहीं कि तुझे अपनी नाराजगी बयां कर सकूं। यह दुनियां मां दुर्गा, सीता, काली, लक्ष्मी, सरस्वती को तो पूजती है लेकिन मेरे जन्म लेते ही वह ख्याल क्यों नहीं आया कि आखिर मैं भी तो उनका ही रूप हूं। खैर..कोई बात नहीं मां तू हमेशा खुश रहेगी। ऐसी मैं ईश्वर से दुआ करूंगी।
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