Jaunpur News : चिलचिलाती धूप में मॉडल तालाब व नहरे बने शो पीस
भयंकर गर्मी से इंसान के साथ पशु-पक्षी का जीवन बेहाल
विनोद कुुमार
केराकत, जौनपुर। पृथ्वी पर जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं किया जा सकता। भूगर्भ जलस्तर लगातार नीचे खिसक रहा है। यही हाल रहा तो आगामी भविष्य में वैश्विक स्तर पर पानी के लिए हाहाकार मचना तय है। सरकार जल संरक्षण को लेकर बड़ी योजनाएं चला रही हैं।
गावों को शहरों की तर्ज पर विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब व पोखरों का सुंदरीकरण करने का काम पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। अगर आज की परिस्तिथियों की अगर हम बात करे तो तालाब पोखरे व नहरें सिर्फ शो पीस बनकर रह गई हैं।
बताते चलें कि केराकत विकास खण्ड के अंतर्गत लगभग हर ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत लाखों रूपये की लागत से तालाब की खुदवाई कराई गई थी, ताकि जल संरक्षण के साथ अप्रैल, मई और जून ने पड़ने वाली भीषण गर्मियों में मवेशियों व पशु-पक्षियों को पानी पीने के लिए दूर-दूर न भटकना पड़े। आज तालाब व पोखरों में धूल उड़ रही है। ऐसी स्थिति में जहां चिलचिलाती धूप में लोगों का जीवन बेहाल है तो वहीं एक बूंद पानी के लिए पशु-पक्षियों को दूर दूर भटकना पड़ रहा है। कभी-कभी तो गांवों के अंदर घुसकर अपनी प्यास बुझाने चले आते है। अफसोस होता है कि लाखो की लागत से तैयार किये गये तालाब व पोखरों की स्थिति बद से बदतर हो गया है। मगर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान सूखे पड़े तालाब व नहरों की तरफ नही पड़ रहे हैं। जब इस संबंध में वीडियो अनिल कुशवाहा से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया कि तालाबों व पोखरों में पानी की उपलब्धता तभी हो सकती है जब नहरों में पानी आ जाय या तो बारिश हो जाये तभी हो पायेगी एक दो दिन का इंतजार करिये, बारिश जरूर होगी। उन्होंने कहा कि तालाब भरने के लिए ऐसा कोई बजट नहीं है जिससे तालाब भरा जा सके। अगर इस तरह का कोई निर्देश आता है तो भरवा दिया जायेगा। क्या चिलचिलाती धूप में पशु-पक्षियों को अपनी प्यास बुझाने के लिए बारिश का इंतजार करना चाहिए? बहरहाल कब और कैसे पोखरों व तालाबों में पानी भरा जायेगा, यह तो जिम्मेदार ही तय करेंगे।
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