निरीक्षक का रात में हुआ स्थानांतरण, सुबह लगा ली फांसी, पढ़िए पूरी खबर…
वर्ष 2007 में एसआई के पद पर हुये थे भर्ती तेजस टूडे ब्यूरो राजेश श्रीवास्तव अयोध्या। एसएसआई ओमकार नाथ का शव संदिग्ध परिस्थितियों छत की सीढ़ी पर लगे रेलिंग से गमछे के फंदे से लटका मिला। उनका स्थांतरण भी देर रात पूराकलंदर थाना से कोतवाली नगर में निरीक्षक अपराध पद पर हुआ था। वह मूल रूप से संत कबीर नगर के बेलहराकला थाना अंतर्गत फुलवरिया गांव के निवासी थे। पुलिस ने शव को संरक्षण में लेकर आत्महत्या की वजह को संदिग्ध मानते हुए जांच पड़ताल में जुटी है। पुलिस के अनुसार 46 वर्षीय निरीक्षक ओंकार नाथ पुत्र परशुराम वर्ष 2007 में भर्ती हुए थे।
रायबरेली से जिले में आने के बाद उनको 23 जुलाई 2022 को पूराकलंदर थाने पर एसएसआई के पद पर तैनाती मिलने के बाद थाने के सामने ही गंजा गांव निवासी अर्जुन सिंह के मकान में किराए पर कमरा लेकर रहते थे। मकान में पहले से भी थाने के कुछ महिला व पुरुष सिपाही रह रहे है। मंगलवार की रात ओमकार प्रतिदिन की तरह रात में ड्यूटी पूरी करके कमरे पर गए। सुबह छह बजे टहलने भी गए हुए थे। वापस आने के बाद कमरे में जाने के लिए बनी सीढ़ी की रेलिंग में गमछे के फंदे से उनका शव लटका हुआ मिला। इसकी जानकारी मकान में रह रहे सिपाहियों व मकान मालिक को होने के बाद सूचना थाने पर दी गयी जिसके बाद तत्काल घटना स्थल पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक राजेश सिंह ने शव को नीचे उतरवाकर देखा तो मौत हो जाने पर शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद एसएसपी प्रशांत वर्मा, एसपी सिटी मधुबन सिंह व सीओ अयोध्या राजेश तिवारी मौके पर पहुंचकर स्थित का जायजा लिया। पोस्टमार्टम के बाद शव को पुलिस लाइन में रखकर सलामी लेने के बाद निरीक्षक के स्वजनों के साथ एसएसपी ने गृह जनपद संतकबीरनगर भेजवा दिया। पुलिस क्षेत्राधिकारी अयोध्या राजेश तिवारी ने बताया निरीक्षक ओमकार नाथ का स्वास्थ्य कुछ खराब चल रहा था जबकि आत्महत्या की वजह की जानकारी नही हो सकी है।
ओमकार नाथ के बड़े पुत्र बीरेंद्र गौतम ने बताया कि पापा मानसिक रूप से पहले परेशान रहते थे। मौके पर इलाज होने के बाद ठीक भी हो चुके थे। एक हफ्ते पहले छुट्टी से वापस आये पूरी तरह स्वस्थ थे। मंगलवार रात दस बजे फोन से बात किया उस समय भी उनकी बातों से कुछ प्रतीत नही हुआ और न ही किसी तरह की बातों का जिक्र किया था।
चार बेटियों की शादी है बाकी ओमकार के दो बड़े पुत्र बीरेंद्र कुमार गौतम व रवींद्र कुमार के अलावा चार बेटियां भी है जिनकी शादी अभी नही हुई है। एक बेटी की शादी भी तलाश करने में लगे रहे, जिसका बोझ अब विधवा पत्नी व बेटों के कंधे पर आने की बात कर पत्नी फुट-फुट कर रो रही है।
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