हरी सब्जियों की महंगाई ने फाड़ दी आम आदमी की जेब
हरी सब्जियों की महंगाई ने फाड़ दी आम आदमी की जेब
विशाल रस्तोगी
सीतापुर। हरी सब्जियों की मंहगाई ने आम आदमी की जेब फाड़ कर रख दी है। अप्रैल की तपिश ने सब्जियों के भाव में गर्मी पैदा कर दी है। पिछले एक माह के अंदर करीब दो से तीन गुना तक सब्जियों के दाम बढ़ गए है। नींबू, मिर्च, तोरई, लौकी, भिंडी सहित अन्य सब्जियां अब थाली से दूर होती जा रही है। केवल आलू ही लोगों को राहत दे रहा है। सब्जियों के भाव में वृद्धि से थाली का स्वाद बिगड़ गया है। इस समय सबसे अधिक महंगाई सब्जियों पर आ गई है।
मार्च में गर्मी की शुरुआत होते ही इनके भाव में अचानक वृद्धि हो गई है। बाजार में मौजूद कई सब्जियों के रेट दो से तीन गुना तक बढ़ गए है। नींबू, मिर्च में पहले से ही आग लगी थी। अब तोरई, भिंडी, लौकी, हरी धनिया सहित अन्य सब्जियों के रेट भी काफी अधिक हो गए है। सब्जियों के भाव में आए उछाल से आम आदमी परेशान है। अधिकतर लोगों के घरों का बजट बिगड़ गया है। केवल आलू ही लोगों को राहत दे रहा है। सब्जी व्यापारियों का कहना है कि महंगाई की वजह से अब लोग इनकी मात्रा बहुत ही कम कर दी है। इससे पहले जिन लोगों को एक किलो सब्जी की जरूरत होती थी। अब वह आधा किलो से ही काम चला रहे है।
इन सब्जियों के भाव कब कम होंगे यह सब्जी व्यापारियों के लिए बता पाना मुश्किल हो रहा है। सब्जी व्यापारी रामनरेश ने बताया कि जिले में सब्जियों की पैदावार कम होती है। गैर प्रांतों से सब्जी महंगी आ रही है। इसी वजह से हम लोग महंगी सब्जी बेच रहे है।गृहिणी जूली का कहना है सब्जियों के रेट कई गुना तक बढ़ गए है। पहले जहां तोरई व भिंडी 30 रुपये किलो मिल जाती थी, अब इन सब्जियों को खरीदने में काफी अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे है। अनीता चौधरी का कहना है कि सरकार को सब्जियों के भाव पर नियंत्रण करना चाहिए। महंगी सब्जी होने से लोगों के सामने हरी सब्जी खाने का संकट खड़ा हो रहा है। मीरा ने बताया कि एक तरफ तेल की कीमतों में काफी उछाल आया है तो वहीं सब्जियों ने घर का बजट पूरी तरह से बिगाड़कर रख दिया है। महंगा गैस सिलेंडर भी बजट खराब कर रहा है।
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