धूमधाम से मनाया गया गुरु रामदास जी का प्रकाश उत्सव
अब्दुल शाहिद
बहराइच। “एक अरदास भात कीरत की, गुरु रामदास राखहु सरणाई” जैसे शबद से गुरुद्वारा परिसर अमृतमय हुआ। नगर स्थित गुरूद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में सिख धर्म के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास जी का गुरु पर्व बड़े प्यार व श्रद्धा से मनाया गया। इस अवसर पर नगर की साध संगत ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को माथा टेका। गुरद्वारा अध्यक्ष सरदार मंदीप सिंह वालिया ने बताया सिख धर्म के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास जी ने अमृतसर स्थापना की अमृतसर का पूर्व नाम रामसर था, गुरु रामदास जी का जीवन भक्ति और सेवा को समर्पित रहा।
गुरू रामदास साहिब जी ने सिख धर्म को आनन्द कारज’ के लिए चार लावों’ (फेरों) की रचना की और सरल विवाह की गुरमत मर्यादा को समाज के सामने रखा। गुरुपर्व में लखनऊ से आए रागी जत्था भाई सुखप्रीत सिंह जी एवं हजूरी रागी भाई कमल सिंह जी ने साध संगत को शब्द कीर्तन से निहाल किया।
शब्द कीर्तन के बाद हेड ग्रंथी ज्ञानी विक्रम सिंह ने सरबत के भले की अरदास की तत्पश्चात गुरु का अटूट लंगर चला। इस अवसर पर गुरुद्वारा संरक्षक मनजीत सिंह शम्पी, महामंत्री भूपेंद्र सिंह वालिया, उपाध्यक्ष परमजीत सिंह, जगजीत सिंह, देवेंद्र सिंह बेदी, जगनंदन सिंह, कुलबीर सिंह, जसपाल सिंह, जिक्की सिंह, इंद्रजीत सिंह भाटिया, कुलदीप चावला, जसबीर सिंह सोनू, गुरदेव सिंह, बलजीत कौर, राजेंद्र कौर, चरनजीत कौर, गुरबख्श कौर, गुरजीत कौर, मीडिया प्रभारी परविंदर सिंह आदि उपस्थित रहे।
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