जीवन के उत्तम निखार के लिए जरूरी है उत्तम ब्रह्मचर्य, चातुर्मास में बह रही ज्ञान की गंगा
जीवन के उत्तम निखार के लिए जरूरी है उत्तम ब्रह्मचर्य, चातुर्मास में बह रही ज्ञान की गंगा
मनीष चौधरी
टुंडला, फिरोजाबाद। मुनि श्री 108 हेमदत्त सागर महाराज जी ने कहा कि अगर जीवन में शरीर को स्वस्थ और सुंदर बनाना है तो उपवास जरूर करो जीवन में, उपवास और सात्विक भोजन से जीवन भी सुद्घ और आत्मा निर्मल हो जाती है, ब्रह्मचर्य ब्रत जीवन में धारण करो चाहे वो कुछ समय के लिए ही पाल सको, अगर तुम 1 दिन के नियम पालने से शुरुआत करते हो तो तुम ब्रह्मचर्य की आगे की दिशा में अग्रसर हो सकते हो जीवन में आत्मा की शुद्धि तप और ज्ञान से ही संभव है।
मुनि श्री 108 शिवदत्त सागर महाराज जी ने कहा कि आज उत्तम ब्रह्मचर्य का दिन है दो पंक्ति कहीं है किस किस याद कीजिए किस किस के लिए रोइए ,जीवन का आनंद लो और मुंह ढककर सोइए, आंसू भी कई प्रकार के होते है जो आंसू अंतरंग से निकलते है तो वो आंसू भी मोक्ष धर्म के लिए होते है, साधु और ग्रहाष्य का जीवन में एक अंतर है, श्रावक की एक मां, एक बहन एक बेटी होती है, साधु जब बनता है तो उसके लिए अपनी मां के अलावा सभी महिलाएं मां, बहन, बेटी सभी उनके लिए समान हो जाती है। ब्रह्मचर्य धर्म को पालन कीजिए। आप लोग अपनी आत्मा में भ्रमण करे। इस मौके पर ब्रज क्षेत्र सह प्रभारी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा सचिन जैन, चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष डॉ शैलेन्द्र जैन, अनिल जैन राजू, कमलेश जैन, राजेश जैन, प्रवीण जैन, रिंकू जैन, सुरेन्द्र जैन भैया जी, कुलदीप जैन जेंडल, सुमन गुरुजी, सुभाष जैन, अमन जैन, नरेंद्र जैन, रविन्द्र जैन, बॉबी जैन, गोपाल, प्रखर, समस्त जैन आदि उपस्थित रहे।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।