लाखों की लागत से बनी गौशाला हुई वीरान
लाखों की लागत से बनी गौशाला हुई वीरान
गोविन्द वर्मा
निन्दूरा, बाराबंकी। लाखों रुपए की लागत से बनवाई गई गौशाला वीरान होकर रह गई है। गौशाला में एक भी नहीं जानवर न होना विभागीय उदासीनता तरफ खुला इशारा कर रहा है। एक माह पूर्व अधिक बरसात होने के चलते गौशाला से पलायन कर दूसरी गौशाला भेजे गए जानवर अभी तक वापस नहीं लौट सके हैं। बरसात खत्म लेकिन स्थानीय गौशाला वीरान पड़ी हुई है देखने वाला कोई नहीं गौशाला का एक गेट भी गायब हो गया फिर भी जिम्मेदार चादर ताने सो रहे हैं। रोड पर छुट्टा मवेशियों का झुंड टहल रहा है लेकिन स्थानीय अधिकारी छुट्टा मवेशियों को पकड़कर गौशाला भेजना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।
हर रोज मवेशियों से रोड पर टकराकर राहगीर घायल हो रहे हैं।विकास खण्ड निन्दूरा क्षेत्र में तीन गौशाला अमरसण्डा कल्लू पुरवा उधापुर क्षेत्र में स्थापित है। कुछ दिन पूर्व अधिक वर्षा के चलते अमरसण्डा गौशाला में पानी व कीचड़ भर गया था जिसके चलते अधिकारियों द्वारा गौशाला के जानवरों को पलायन करके दूसरी गौशाला में भेजे गए। बरसात खत्म हुई लेकिन गौशाला में एक भी जानवर नहीं होने के कारण गौशाला खंडहर में तब्दील हो रही है। बुधवार को जब हिंदुस्तान संवाददाता द्वारा गौशाला की पड़ताल की गई तो वहां एक भी जानवर गौशाला में नहीं था ना तो कोई कर्मचारी था एक गौशाला का गेट खुला था तो दूसरे गेट ही गायब हो चुका था।
बरसात के समय गौशाला जाने का जब रास्ता नहीं था तो अधिकारियों द्वारा क्षेत्र पंचायत से करीब दस लाख रुपए खर्च करके गौशाला तक खड़ंजा लगवाया गया जब गौशाला में जानवर रखने नहीं थे तो लाखों रुपए खर्च करके खड़ंजा क्यों लगवाया गया ग्रामीणों का कहना है कि अगर यही खड़ंजा ग्राम पंचायतों में लगवाया जाता तो गांव का विकास होता जंगल में लगाने से फिर क्या फायदा हुआ है। लाखों रुपए बरबाद करने के बाद अब। नई गौशाला बनाने के लिए जगह ढूंढी जा रही है डीएम का निर्देश आया है कि सभी न्याय पंचायतों में एक गौशाला बनाई जाए।
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