पूर्णाहुति, भण्डारा, साधु-संत के समागम के साथ गद्दी महोत्सव का समापन
पूर्णाहुति, भण्डारा, साधु-संत के समागम के साथ गद्दी महोत्सव का समापन
मुकेश तिवारी
झांसी। सिविल लाइन ग्वालियर रोड स्थित कुंज बिहारी मंदिर में नित्य लीला निकुंज निवासी गुरुदेव महंत बिहारी दास की सत्प्रेरणा से वर्तमान महंत राधा मोहन दास महाराज के गद्दी पर विराजमान महोत्सव का आज साधु संतों विप्रजनों का समागम, पूर्णाहुति एवं भण्डारे के साथ समापन हो गया।
साधु संत एवं विप्रजनों के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए बुंदेलखंड धर्माचार्य महंत राधा मोहन दास ने कहा कि आज हम अपनी संस्कृति को भूलकर पाश्चात्य संस्कृति को अपनाते जा रहे हैं। परिणाम स्वरूप समाज में यहां सनातन संस्कृति का क्षरण हो रहा है, वहीं संस्कृत भाषा का भी प्राया लुप्त हो गया है। साधु संत विप्र जन एवं पुजारी गण प्रायर बोलचाल में संस्कृत भाषा का कम उपयोग करते हैं। आज लोग अपने बच्चों को इंजीनियर और डॉक्टर तो बनाना चाहते हैं, किंतु संस्कृत कम लोग ही अपने बच्चों को सिखाते हैं।
इस कारण संस्कृत भाषा के साथ साथ समाज संस्कृति और संस्कारों का भी क्षरण होता जा रहा है। आज के युवाओं को संस्कारों की सबसे अधिक आवश्यकता है अन्यथा वे पाश्चात्य संस्कृति की चकाचौंध में भटक जाएंगे। धर्म सभा को संबोधित करते हुए महंत राधा मोहन दास महाराज ने उपस्थित जनसमुदाय से अपने बच्चों को संस्कारवान बनाने की अपील की है। आपने दतिया निवासी अपने एक शिष्य मृदुल मिश्रा(10वर्ष) को सभी के समक्ष प्रस्तुत कर स्वस्ति वाचन करने को कहा। उक्त बालक मृदुल मिश्रा ने मंचासीन सभी विद्वतजनों द्वारा वाचन किये गये श्लोकों को न सिर्फ संस्कृत में वाचन किया बल्कि भागवत में वर्णित तमाम श्लोंकों हिंदी व संस्कृत में विस्तार से व्याख्या की। बालक की प्रस्तुति देख सभी ने मुक्त कंठ से सराहना करते हुये अपना आशीर्वाद दिया।
सम्मेलन को मार्तंड स्वामी, पंडित अतुल शर्मा, गोपालाचार्य, आनंद कुमार मिश्रा, शिवकुमार तिवारी, नितेंद्र कुमार तिवारी, महेंद्र मिश्रा डब्बू महाराज, राजेन्द्र कुमार, सुनील पुरोहित ने भी सम्बोधित किया। संचालन पं.अतुल शर्मा ने किया। इससे पूर्व आचार्य रामलखन उपाध्याय ने विधि विधान से सभी पीठों का पूजन कराया एवं वेद मंत्रों का उच्चारण करते पूर्णाहुति यज्ञ संपन्न कराया। यजमान श्रीमती सरोज शीतल तिवारी, उर्मिला, अनिल तिवारी, संगीता, संजीव दुबे, रेशमा, राजकुमार सिंह, अनुराधा, गोपाल तिवारी, समता, राममोहन तिवारी एवं रुचि मयंक मित्तल, गुड्डन, गोविंद अग्रवाल, शैली, मृदुल खरे, प्रतिभा, आत्मप्रकाश चतुर्वेदी, गीता, रमेश चंद्र, सोनी, दीप्ति, अमित माहौर एवं महिला डिग्री कालेज के प्राचार्य डा.वीपी त्रिपाठी, मालती, ओपी गुप्ता, श्यामसुंदर गुप्ता ने कथा व्यास का माल्यार्पण कर हवन कुण्ड में आहुतियां दी एवं यज्ञ भगवान की आरती। महाराज सभी साधु महंतों एवं विप्रजनों का कम्बल भेंट करते हुए उनका सम्मान किया एवं दक्षिणा देकर विदा किया। संतों के सम्मान में मनु महाराज, बालक दास एवं पवन दास ने सहयोग किया। अंत महंत राधामोहन दास महाराज ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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