अंकित सक्सेना
बदायूं। जनपद के रोटा गांव में वन विभाग की टीम ने सप्ताह भर से डेरा जमा लिया है। टीम गांव में दिन तथा रात में भेड़ों को मारने वाले जानवर की तलाश में आस-पास के अलाके को खंगाल रही तो वही रात भी निगरानी करने के लिये मुस्तैद रहती है। पिछले आठ दिनों से गांव में खतरनाक जानवर नहीं पहुंचा है जिसके कारण गांव में तरह तरह की अफवाहों को दौर जारी है। वहीं वन विभाग की टीम ने कोई जानवर न होने का दावा किया है।
जानकारी के अनुसार विकास खंड क्षेत्र वजीरगंज के गांव रोटा में पिछले 5 तथा 8 मार्च को रात में अचानक किसी खतरनाक जानवर ने बाड़े में बंधी भेड़ों पर हमला कर दिया जिसमें गांव निवासी विनोद पाल की 38 भेड़ों की मौत हो गयी तथा हमले में घायल हुई कर्द भेड़ दूसरे दिन मर गई। ग्रामीणों में जानवर को लेकर दहशत फैल गई। वहीं वन विभाग और पशुपालन विभाग की टीम गांव पहुंची। वन विभाग की टीम ने जानवर पकड़ने को घटना स्थल पर पिंजड़ा लगाने के साथ सीसीटीवी कैमरे भी लगाये है। डिप्टी रेंजर हसीर अहमद ने बताया कि ऐसा कोर्द जानवर है ही नहीं मामला पेचीदा लग रहा है। कुछ भी कह पाना संभव नहीं है।
रोटा गांव में खतरनाक जानवर ने सबसे पहले पांच मार्च को हमला कर 18 भेड़ों को अपना शिकार बनाया। उसके बाद 8 मार्च को भेंड़ों पर हमला कर 20 को मौत के घाट उतार दिया। उसके बाद ग्रामीण तेंदुआ या भालू होने के कयास लगा रहे थे। गांव तभी से वन विभाग की टीम डेरा डाले हुये मगर अभी कोई जानवर नहीं आया है।
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