दीप सिंह
कन्नौज। जनपद के अलग अलग क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से किसानों की फसलें जलमग्न हो गई है। ऐसे में किसानों को फसलें बचाना नाकाम साबित हो रहा है। तहसील छिबरामऊ क्षेत्र के किसान फसलों को पानी से बाहर निकाल रहे हैं। जैसा कि तस्वीरों के माध्यम से देखा जा सकता है। किसानों की गाढ़ी कमाई पानी ने बर्बाद कर दी। ऐसे में किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। जैसा कि आप जानते हैं कि देश में किसान, बॉर्डर पर जवान कंधे डाल दें तो देश बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएगा।
किसान दिन रात मेहनत करके फसलें उगाता है। हम बात करेंगे उन किसानों की जो दिन रात मेहनत करके फसलों को बच्चों की तरह पालता है और कभी धूप से कभी बारिश से कभी छुट्टा पशुओं से परेशान रहता है। आज जब किसान की फसल पक कर तैयार हो गई तब मूसलाधार बारिश ने उस फसल को जलमग्न कर दिया। किसानों की आवाज को कोई क्यों नहीं सुन पाता। किसान साल के 12 महीने जूझता रहता है लेकिन किसान की सुनता नहीं कोई। बड़े दुख की बात है कि किसान देश का पेट पालता है। वहीं किसान परेशान रहता है। किसानों का आरोप है कि अभी तक किसानों की समस्या सुनने देखने के लिये कोई अधिकारी कर्मचारी नहीं आया।
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