नेताओं और पुलिस के चहेते ठेकेदारों की जुगलबन्दी से पीडब्ल्यूडी में गुण्डों का साम्राज्य
बीते दिनों आधा दर्जन नकाबपोश दबंगों ने दिनदहाड़े बरपाया था कहर, कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। नए नवेले एसपी के कार्यभार संभालने के बाद से भले ही यह कयास लगाए जा रहे हों कि कानून व्यवस्था सम्भलेगी किंतु जिले में बिगड़ती कानून व्यवस्था की हालत क्या है उसका जीता जागता उदाहरण यह पूरा मामला है। कहीं और नहीं, बल्कि पीडब्ल्यूडी विभाग पर ठेकेदारों के रुप में गुंडों का साम्राज्य स्थापित है। गुंडई व रसूख से टेंडर हथियाना और जिले की ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण में की खुलेआम भ्रष्टाचार को अंजाम देना कार्यशैली का हिस्सा बना हुआ है। सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार का विरोध ग्रामीण तो नहीं कर पा रहे हैं किंतु पुराने भ्रष्टाचारियों को यह बात तब अखरती है जब पीडब्ल्यूडी विभाग में कोई दूसरा सामान्य व्यक्ति टेंडर डाल देता है। खुलेआम फिल्मी अंदाज में दिन-दहाड़े तांडव मचा पुलिस पहुंची पर मामला सफेद पोश नेताओं के फोन आते ही ठंडा हो गया। नतीजा यह निकला की घटना के 3 दिन बीतने के बाद भी डिजीटल उपकरणों से लैस जिले की पुलिस नकाबपोश आधा दर्जन दबंगों को पकड़ने में नाकामयाब साबित हुई है।
यदि सूत्रों की मानें तो एक मुख्य आरोपी को पकड़कर मामले का खाकी निपटारा कराने में जुटी हुई है। मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के पीडब्ल्यूडी कार्यालय का है जहां बीते दिनों टेंडर डालने को लेकर आधा दर्जन से अधिक बेखौफ दबंगों ने ठेकेदार आनंद तिवारी पुत्र राम किशुन तिवारी निवासी इंदिरा नगर पर लोहे की राड से जानलेवा हमला कर दिया था। जिससे वहां पर अफरा—तफरी मच गया था। बेखौफ दबगों ने गाड़ी में जमकर तोड़फोड़ किया था। साथ ही यदि पीड़ित की मानें तो दबंगों ने देख लेने की धमकी दी और मौके से फरार हो गये। दबंगों के कहर का शिकार पीड़ित आनंद तिवारी ने बताया कि बछरावां क्षेत्र में 14 लाख रुपए से सड़क निर्माण होना था। इस टेंडर को लेकर पिंकू सिंह व नीरज सिंह ने पहले भी टेंडर डालने पर देख लेने की धमकी दी थी।
पीड़ित आनंद तिवारी की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके आरोपियों की तलाश शुरू की जिसमें से एक मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी की बात सामने आ रही है। हालांकि जिले की पुलिस ने दबोचे गए दबंग का नाम व बयान डालकर आरोपी की बदनामी कराना उचित नहीं समझा। आखिर ऐसे दबंगों को सदर कोतवाली पुलिस कब तक संरक्षण देती रहेगी….? यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
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