वाहन चलाना स्वालंबन की प्रथम सीढ़ी: आनंद
वाहन चलाना स्वालंबन की प्रथम सीढ़ी: आनंद
महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देगी साइकिल: प्रो.मुन्ना
मुकेश तिवारी
झांसी। राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेंसी (सिफ्सा) को मंडलीय परियोजना प्रबंधन इकाई झांसी द्वारा तीन बालिका साईकिलें भेंट की गई। यह साइकिल अब विश्वविद्यालय की छात्राएं विश्वविद्यालय परिसर में चला सकेंगी। मंडलीय परियोजना प्रबंधन इकाई के प्रबंध आनंद चौबे ने कहा कि साइकिल केवल हमारे चलने के लिए नहीं होता है यह हमारे स्वास्थ्य के साथ ही साथ आत्मविश्वास का भी एक महत्वपूर्ण साधन है।
उन्होंने कहा कि किसी भी वाहन को चलाना हमारे लिए स्वालंबन की शुरुवात है। यह महिला सशक्तिकरण के साथ ही स्वालंबी बनाने में सहायक सिद्ध होगा। बालिकाएं जब किसी भी वाहन को नहीं चला पाती हैं तो कहीं भी जाने के लिए उन्हें दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के पूर्व समन्वयक प्रो.मुन्ना तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय में अब बालिकाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए साइकिल उपलब्ध होगी। यह जहां बालिकाओं के लिए आराम का होगा वहीं समय और पर्यावरण भी संरक्षित होगा। प्रो.तिवारी ने कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी की सिफ्सा इकाई विद्यार्थियों के विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। उन्होंने सिफ्सा नोडल अधिकारी डॉ.श्वेता पाण्डेय और डॉ. उमेश कुमार को बधाई देते हुए कहा कि पूर्व में संचालित सिफ्सा को आज आप दोनों के निर्देशन और समन्वय में नई ऊंचाइयां मिल रही हैं।
वह चाहे स्वास्थ्य जागरूकता का कार्यक्रम हो या मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता। गांवों में जाकर भी सिफ्सा द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। यह एक कोमल हृदय का ही परिचय है कि आउटरीच कैंप के दौरान तालपुरा का भ्रमण करने के बाद से आज तक आप दोनों कला सोपान, सिफ्सा और एनएसएस के बैनर तले निरंतर छोटे विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए हर शनिवार को जा रहे हैं।
इस अवसर पर सिफ्सा की नोडल अधिकारी डॉ. श्वेता पांडेय ने बताया कि सिफ्सा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय पीयर एजुकेटर्स का प्रशिक्षण, स्वयंसेवकों के लिए कार्यशाला, मानसिक स्वास्थ्य कार्यशाला, आउटरीच कार्यक्रम जैसे विभिन्न आयोजनों के द्वारा विद्यार्थियों को मानसिक और शरीर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के हजारों विद्यार्थियों को सिफ्सा के अंतर्गत जागरूक किया जा चुका है।
सिफ्सा कार्यक्रम अधिकारी डॉ. उमेश कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 35 महाविद्यालयों में सिफ्सा का संचालन किया जा रहा है। सिफ्सा द्वारा प्रत्येक महाविद्यालय में साइकिल देने का प्रावधान किया गया है। डॉ. कुमार ने मंडलीय परियोजना प्रबंधन इकाई को धन्यवाद देते हुए कहा यह प्रयास निश्चय ही बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगी। इस अवसर पर उप कुलसचिव दिनेश कुमार, सहायक कुलसचिव सुनील कुमार सेन, अनिल कुमार बौहरे, अतुल खरे, शोधार्थी विजया, सिफ्सा स्वयंसेवक निकेता, रौनक, अलादीन, दिव्या, हर्षिता एवं अन्य उपस्थित रहे।
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