कवरेज की तो पुलिस को भ्रामक सूचना देकर दबंगई दिखाने का किया गया प्रयास अनिल कश्यप हापुड। अगस्त माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हापुड़ आगमन हुआ था जहां उन्होंने 810 करोड़ रुपए की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया था। साथ ही मुख्यमंत्री ने जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को भी परखा था। गौरतलब है कि उस समय मुख्यमंत्री के आगमन से पूर्व जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद नजर आ रही थी लेकिन उनके प्रस्थान के बाद अस्पताल की व्यवस्थाएं व सुविधाएं आपके सामने है। जिसका एक उदाहरण मुख्यमंत्री कार्यक्रम अगले दिन ही प्रत्यक्ष रूप से देखने को भी मिला।
वही बात की जाए वर्तमान में चल रही अस्पताल में व्यवस्थाओं की तो इस समय अस्पताल की व्यवस्थाओं का यह हाल है कि डॉक्टर मरीजों को उनके हाल पर छोड़ कर अपने पर्सनल कार्य में व्यस्त हैं, डॉक्टर के केबिन में कुर्सियां खाली हैं और मरीज केबिन के बाहर बैठकर डॉक्टर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं वही मरीजो की इस इंतजार की घड़ी को जब मीडिया द्वारा अपने कैमरे में कैद करने की कोशिश की जाती है तो कवरेज की जानकारी मिलते ही अस्पताल के स्टाफ द्वारा मीडिया कर्मियों पर अवैध रूप से 112 नंबर पुलिस को भ्रामक सूचना देकर दबंगई दिखाने का प्रयास किया गया। वही केबिन के बाहर बैठे मरीज मोहित शर्मा ने बताया कि वह अपने कान का इलाज कराने के लिए दस्तोई रोड स्थित जिला अस्पताल पहुंचा था लेकिन केबिन में डॉक्टर के न होने की वजह से उसे इंतजार करना पड़ रहा है।
सूत्रों की मानें तो जिला अस्पताल में सरकारी नियमों को ताक पर रखकर बड़े-बड़े कार्य किए जा रहे हैं जिसकी सत्यता छुपाने के लिए ही जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा महिला डॉक्टरों का सहारा लेकर अवैध रूप से पुलिस में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दिए जाने की बात प्रकाश में आ रही है। अब आवश्यकता है जिला अस्पताल प्रबंधन को सरकारी नियम एवं जन हितैषी योजनाओं को नियम अनुसार जनता के बीच पहुंचाने के लिए सही जांच एवं कार्यवाही की जानी चाहिए। अगर सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती है तो यह माना जा सकता है कि यहां एक बड़ा घोटाला अस्पताल प्रबंधन द्वारा जनहितकारी योजनाओं में किया जा सकता है।
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