फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन जरूर करें: डीएमओ
फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन जरूर करें: डीएमओ
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। फाइलेरिया यानि हाथी पाँव का कोई इलाज नहीं है, इसलिए इससे सुरक्षित रहने के लिए सर्वजन दवा सेवन अभियान (आईडीए राउंड) के दौरान दवा का सेवन जरूर करें| यह बात जब इस पीड़ा से गुजरने वाला बताता है तो उसका असर लोगों पर अधिक प्रभावी होता है| जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी का कहना है कि फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से मुक्ति दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तत्पर है| इसमें उनका सहयोग आशा कार्यकर्ता के साथ ही इस बीमारी से ग्रसित लोग भी अपना अनुभव साझा कर प्रदान कर रहे हैं|
जिला मलेरिया अधिकारी का कहना है कि फाइलेरिया से बचाव की दवा घर-घर खिलाई जा रही है| इसके अलावा सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवा उपलब्ध है, यदि कोई किसी कारण से घर पर दवा खाने से वंचित रह जाता है तो स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर दवा का सेवन कर सकता है| स्वास्थ्य कर्मी जब घर पर आयें तो दवा का सेवन जरूर करें और अपने परिवारजनों को भी कराएँ| एक साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को इस दवा का सेवन करना जरूरी है| यह बहाना कतई न करें कि हम तो स्वस्थ हैं। हमें दवा खाने की क्या जरूरत है, क्योंकि यह बीमारी किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है और इसके लक्षण आने में पांच से 15 साल तक लग सकते हैं| आईडीए राउंड में साल में एक बार और लगातार दो साल दवा सेवन से कोई भी व्यक्ति आजीवन फाइलेरिया से सुरक्षित बन सकता है|
आईडीए राउंड में वह लोग भी मददगार बने हैं जो इसकी पीड़ा के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं| इसी में शामिल हैं फूलपुर ब्लॉक की धनपत्ती देवी (70) जो लगभग 25 वर्ष से हाथीपाँव की बीमारी से ग्रसित हैं| वह बताती हैं कि बीमारी के शुरुआत में पैर में तेज दर्द होता था| दस दिन तक बिस्तर से उठकर पानी पीने की हिम्मत भी नहीं होती थी| घर के लोग ही खाना-पानी देते थे| डॉक्टर से जांच करायी तो पता चला कि फाइलेरिया है| फाइलेरिया से पैर में होने वाले दर्द और तकलीफ को शरीर और नहीं बर्दाश्त कर पा रहा था| 5 वर्ष से घर के नजदीक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और आशा की देख रेखरेख में दवा का सेवन कर रही हूँ, साफ़-सफाई रखती हूँ और व्यायाम भी करती हूँ| इससे जीवन कुछ सरल बना है| आज मेरी उम्र 70 वर्ष की है| अब मैंघर का और खेत का भी काम कर लेती हूँ| पैर में सूजन भी कम है|
ब्लॉक फूलपुर की आशा कार्यकर्ता सुनीता यादव का कहना है कि हम घर घर जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही जानकारी दे रहे हैं कि फाइलेरिया मच्छरों के काटने से होता है| मच्छर गंदगी में पैदा होते हैं, इसलिए इस रोग से बचना है तो घर के अंदर व आस-पास सफाई रखना जरूरी है| दूषित पानी, कूड़ा–कचरा इकट्ठा न होने दें, ठहरे पानी पर कैरोसीन तेल छिड़ककर मच्छरों को पनपने से रोकें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें| इन उपायों से फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचाव किया जा सकता है| सुनीता का कहना है कि कुछ परिवार के लोगों ने यह कहकर दवा खाने से इनकार कर दिया कि उन्हें फाइलेरिया जैसी बीमारी अब तक हुई ही नहीं है और आगे भी नहीं होगी|
ऐसे परिवार के लोगो को हम बताते हैं कि फाइलेरिया एक बार हो जाने से फिर बीमारी के साथ ही जीना होता है| ऐसा बिल्कुल नहीं है कि यह बीमारी पहले नहीं हुई तो अब नहीं होगी| यह बीमारी किसी भी उम्र और कभी भी हो सकती है, इसलिए खुद दवा का सेवन करें और घर-परिवार व पड़ोसियों को भी दवा का सेवन कराएँ|
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