जिला-ए-काजी के जनाजे में उमड़ी मुरीदों की भीड़, गाइडलाइन की उड़ीं धज्जियां | #TejasToday
तेजस टूडे ब्यूरो अंकित सक्सेना बदायूं।दरगाह आलिया कादरिया के सज्जादा नशीन काजी-ए-जिला शेख अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी का रविवार तड़के निधन हो गया। वह करीब 65 साल के थे। उनके निधन से जिले में शोक की लहर दौड़ गई। उन्होंने सुबह करीब चार बजे अंतिम सांस ली। अंतिम दीदार के लिए उनके मुरीदों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। जनाजे में शामिल लोगों ने कोरोना संक्रमण की कोई परवाह नहीं की। काजी-ए-जिला शेख अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी के निधन की खबर सुबह से ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। जिसे भी पता लगा, वह सीधे उनके अंतिम दीदार के लिए पहुंच गया। गम के माहौल में हजारों मुरीद अपने पीर की आखरी दीदार के लिए तड़पते दिखे। मुरीदों ने कोरोना महामारी की भी कोई परवाह नहीं की। जिले समेत आस-पास के जिलों से मुरीद कोरोना कर्फ्यू की परवाह किए बिना मुख्यालय पहुंच गए। खादिमे आलिया कादरिया के दुरुस्त नज्म ने जल्द ही उनको दरगाह आलिया कादरिया में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया। पूरे जिले में उनके निधन से शोक की लहर दौड़ गई है। उनके जनाजे में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। एक दिन पहले ही तसनीम मियां कादरी का निधन हो गया था। वह खानकाहे आलिया कादरिया के खघदिम थे। मदरसे से लेकर दरगाह तक की कई जिम्मेदारियां उन पर थीं।
–इनसेट– फिदायीन हमले में बगदाद में गई थी एक पुत्र की जान
काजी-ए-जिला शेख अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी के तीन बेटा उसैदुल हक मोहम्मद आसिमुल कादरी, अतीफ मियां कादरी और अज्जाम मियां कादरी हैं। उसैदुल हक मोहम्मद आसिमुल कादरी बेहद काबिल शख्सियत के मालिक थे। वह मिस्र के इजिप्ट स्थित जमीअतुल अजहर संस्थान से उच्च शिक्षित थे। वर्ष 2015 में अफगानिस्तान के बगदाद में हुए एक आत्मघाती हमले में उनकी मौत हो गई थी। उनको बगदाद में ही सुर्पुद-ए-खाक किया गया था। उनकी काबिलियत के लोग आज भी मुरीद हैं।
–इनसेट– जनाजे में उमड़ा सनसैलाब, पुलिस-प्रशासन पंगु नजर आया
काजी-ए-जिला शेख अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी के जनाजे में भारी जनसैलाब उमड़ा। जनाजे में शामिल लोगों ने कोरोना संक्रमण की कोई परवाह नहीं की। बिना मास्क के हजारों लोग जनाजे में शामिल हुए। शारीरिक दूरी को भी पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया। उनके जनाजे को कांधा देने के लिए मुरीदों के बीच मारा-मारी मची रही। इस दौरान पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से पंगु नजर आया। कोरोना संक्रमण के बीच इस तरह से उमड़ी हजारों लोगों की भीड़ को रोकने में नाकाम रहे पुलिस-प्रशासन की आलोचना भी हो रही है। सोशल मीडिया पर पुलिस प्रशासन को जमकर ट्रोल किया जा रहा है।
–इनसेट– पूर्व राज्यमंत्री ने समेत कई हस्तियों ने शोक जताया
बदायूं। आला हजरत काजी-ए-जिला शेख अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी साहब के निधन की खबर मिलने पर पूर्व राज्यमंत्री आबिद रजा रविवार सुबह ही उनके आवास पर पहुंच गए। उन्होंने गहरा शोक जताया और परिवार वालों को सांत्वना दी। आबिद ने कहा कि आला हजरत के पूरी दुनिया में मुरीद हैं। उन्होंने धार्मिक क्षेत्र में बदायूं को पूरे देश में अलग ही पहचान दिलाई। रविवार को दिन भर सालिमुल कादरी साहब के आवास पर मुरीद जुटे रहे। कई बड़ी हस्तियां भी शोक व्यक्त करने पहुंचीं। बदायूं यूथ ने आनलाइन शोकसभा का कर निधन पर शोक जताया। शोकसभा में मरहूम की मगफिरत, दरजात बुलंद करने और जन्नतुल फिरदौस में आला मुकघम के लिए प्रार्थना की गई। इस मौके पर डा. शकील अहमद, जिया अनंसारी, शफी अहमद, अनवर अंसारी, मोहम्मद खघलिद अहमद, अनस आदि रहे। इधर पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता (दीवानी) अनवर आलम ने कहा कि ऐसी शख्सियत बदायूं के लोगों के लिए एक सरपरस्त की तरह थी। वह बहुत नेक, मिलनसार, हर दिल अजीज शख्स थे। समाज के हर वर्ग में उनकी बहुत इज्जत थी। उनके चले जाने से बदायूं के लोगों ने अपना सरपरस्त खो दिया। उनको हमेशा याद किया जाएगा।