भाजपा का दामन थाम सकते हैं कांग्रेस नेता परशुराम

भाजपा का दामन थाम सकते हैं कांग्रेस नेता परशुराम

समर्थकों संग की राजनीतिक भविष्य पर चर्चा
80 फीसदी समर्थकों ने बीजेपी में जाने का दिया सुझाव
समर्थकों का निर्णय सर्वमान्य, यही मेरी जमापूंजी: परशुराम
राजीव कुमार पाण्डेय
रामगढ़ (बिहार)। नगर क्षेत्र स्थित सीता स्वयंवर वाटिका में सोमवार की देर शाम स्थानीय विधानसभा के कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व पार्टी प्रत्याशी परशुराम तिवारी के नेतृत्व में समर्थकों संग विचार संगोष्ठी आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मनोज सिंह व संचालन बाबर खान ने किया। इस दौरान समर्थकों के बीच श्री तिवारी के राजनीतिक भविष्य पर चर्चा की गई। इस बीच 80 फीसदी समर्थकों का सुझाव रहा की आप बीजेपी में शामिल होकर अपनी नई राजनीतिक पारी की फिर से शुरुआत कीजिए। वहीं 20 फीसदी लोगों की राय थी कि आप पूर्ववत बने रहिए। समर्थकों के बीच सबसे बड़ी मजेदार बात यह रही कि 100 फीसदी लोगों ने स्वीकारा कि आप का निर्णय जो होगा वह हम सभी को सर्वमान्य होगा।

आप जिस किसी पार्टी से जुड़े रहिएगा हमलोग आपका साथ तन-मन-धन से निभाएंगे। वहीं मौके पर श्री तिवारी ने बीजेपी में शामिल होने की संभावनाओं पर कहा कि बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मेरी बातचीत चल रही है। समर्थकों के साथ हुई बैठक में 80 फीसदी लोगों ने लोकसभा चुनाव से पूर्व बीजेपी में शामिल होने का सुझाव दिया है। जल्द ही मेरे द्वारा कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में भले ही राजनेता पार्टी बदलने के स्वयं के निर्णयों को अपने समर्थकों के बीच थोप दे रहे हों लेकिन मैं वैसे नेताओं में से नहीं हूं। मेरे कार्यकर्ता ही मेरी जमापूंजी हैं। मेरा जीवन इन्हीं लोगों के सहारे है। बता दें कि श्री तिवारी छात्र जीवन से ही रामगढ़ की राजनीति में सक्रिय हैं और सन 2000 व 2005 में निर्दलीय व लोजपा उम्मीदवार के तौर पर राजद के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। सन 2005 के चुनाव में लोजपा का दामन थामकर जगदानंद के खिलाफ चुनाव लड़ा और करीब 9500 वोट पाए। 2009 में जगदानंद के सांसद बनने के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपना किस्मत आजमाया और करीब 18900 मत प्राप्त किए।पुनः 2010 के विधानसभा चुनाव में श्री तिवारी ने इसी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा और करीब 10000 मत प्राप्त किए। इसके बाद सीट गठबंधन के तहत रामगढ़ विधानसभा की सीट राजद कोटे में जाती रही और श्री तिवारी को चुनाव लड़ने का मौका नही मिला फिर भी तिवारी अपने समर्थकों के बीच लोकप्रिय बने रहे और गठबंधन धर्म का पालन करते हुए राजद प्रत्याशी को विजय दिलाने में अहम भूमिका निभाते रहे। ईमानदार, कर्मठ एवं सहज दिल इंसान होने के नाते तिवारी के समर्थक आज भी इन्हें विधायक के रूप में देखना चाहते हैं। बताते चलें कि लंबे समय तक श्री तिवारी के चुनाव नहीं लड़ने के कारण इनके समर्थक दो धड़ों इंडी गठबंधन (राजद) व एनडीए गठबंधन (बीजेपी) में बंट चुके हैं लेकिन बैठक में सर्वसम्मति से श्री तिवारी के निर्णयों के साथ होना यह दर्शाता है कि आज भी समर्थकों के बीच उनकी लोकप्रियता बरकरार है। अगर लोकसभा चुनाव के पहले श्री तिवारी बीजेपी में शामिल होते हैं तो संसदीय चुनावों में भाजपा प्रत्याशियों को फायदा मिलना तय है। इस अवसर पर पूर्व मुखिया अरविंद सिंह, पूर्व मुखिया मनोज सिंह, बंदे तिवारी, अरुण तिवारी, रमाकांत सिंह, मुन्ना सिंह, संतबेलास सिंह, संजय तिवारी, नियाज खां, राजेश रावत, प्रेम पासवान, रमेश सिंह, चिरई सिंह, अरविन्द राय, विनीत तिवारी, जितेंद्र पांडेय, अदालत पासवान, वैरिस्टर सिंह यादव, ऋषि मुनि सिंह, राजेश सिंह, मदन तिवारी, अभय तिवारी सहित सैकड़ों समर्थक मौजूद रहे।

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