सरयू नदी की कटान से उखड़े मुक्ति धाम के कंक्रीट पिलर
डूब क्षेत्र में निर्माणाधीन मुक्ति धाम को बचाने का संकट
बाढ़ कार्य खण्ड की अनापत्ति को दरकिनार करना बड़ा सवाल
राजेश श्रीवास्तव
अयोध्या। रामनगरी के डूब क्षेत्र (सरयू नदी) में 15 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन मुक्ति धाम (अंत्येष्टि स्थल) स्वयं को सरयू नदी से अपने अस्तित्व को बचाने के लिए छटपटा रहा है। बरसात में सरयू नदी में आई बाढ़ से घिरे निर्माणाधीन मुक्ति धाम के कई कंक्रीट के पिलर कटान से उखड़ गए हैं। डूब क्षेत्र से इसके निर्माण को लेकर सवाल उठने लगे हैं। डूब क्षेत्र में निर्माण प्रतिबंधित करने वाला अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) इसे लेकर स्वयं कटघरे में है। एडीए के अवर अभियंता अश्वनी मिश्र अंत्येष्टि स्थल के निर्माण को सही ठहराते हैं। बोले कि प्रतिबंध भवन निर्माण के लिए है।
सरयू नदी में आई बाढ़ के बाद से निर्माण कार्य ठप है। शुरू होने के आसार भी जल्द नहीं लगते। उसे बचाने के लिए सरयू नदी में मजबूत सुरक्षा घेरा के निर्माण की बात दबी जुबान से होने लगी है। वहीं कार्यदायी संस्था के जेई बीपी गौड़ जल्द निर्माण शुरू कराने की जानकारी देते है। गौड़ के अनुसार पूर्व से निर्मित बैकुंठ धाम के पास उपलब्ध कराई गई भूमि पर ही निर्माण हाे रहा है। बोले कि सरयू नदी में बाढ़ आने के कारण निर्माण रोकना पड़ा, नहीं तो नियत समय में पूरा कर लिया जाता। 31 दिसंबर 2021 को शुरू मुक्तिधाम का निर्माण इसी 30 नवंबर को पूरा होना था, सरयू नदी की बाढ़ ने उसमें ऐसा ब्रेक लगाया कि पूरा कराने से पहले उसको सरयू नदी से बचाने की चिंता अधिकारियों को सताने लगी। मुक्ति धाम सरयू नदी के किनारे रामनगरी का अंत्येष्टि स्थल है जिसका निर्माण जल निगम की सीएंडडीएस-44 करा रही है।
सरयू में आई बाढ़ में पहले इसके निर्माणाधीन पिलर आदि उसके घेरे में आए। बाढ़ का पानी घटने लगा तो शुरू हुई कटान से कंक्रीट के निर्माणाधीन कई पिलर अपने को बचा नहीं सके। रामनगरी की परियोजनाओं के बारे में बाढ़ कार्य खंड के अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते हैं। यह जरूर बताते हैं कि निर्माण शुरू कराने से पहले कार्यदायी संस्था ने उनसे अनापत्ति नहीं ली।
मुक्ति धाम में प्रस्तावित निर्माण
अयोध्या। पारंपरिक क्रिमेशन चैंबर्स का नवीनीकरण, 10 नए क्रिमेशन चैंबर्स, दो नए इलेक्ट्रिक क्रिमेशन चैंबर्स। दो नए ग्रीन क्रिमेशन चैंबर्स, हाल का नवीनीकरण,कंपाउंड वाल का नवीनीकरण, सड़क चौड़ीकरण, कुंड, इंटेक वेल, लकड़ी शेड, पार्किंग 60 चार पहिया, 100 दो पहिया वाहन, टायलेट ब्लाक, चार्जिंग स्टेशन आदि का निर्माण प्रस्तावित है।
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