चंपई सोरेन ने जीता विधानसभा का विश्वास मत
चंपई सोरेन ने जीता विधानसभा का विश्वास मत
सरकार के पक्ष में 47 वोट पड़े, सरयू राय ने नहीं किया वोट
चंपई सोरेन सरकार के पक्ष में पड़े 47 वोट
विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ पड़े 29 वोट
नीरज कुमार
रांची। झारखंड विधानसभा में चंपई सोरेन की अगुवाई वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद गठबंधन की सरकार ने सोमवार को बहुमत साबित कर दिया है। सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे सबसे पहले राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का अभिभाषण हुआ। इसके बाद मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव लेकर आए। विश्वास प्रस्ताव पर वाद-विवाद के बाद वोटिंग हुई। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी वोट किया। ईडी कोर्ट ने उन्हें पहले ही इसकी अनुमति प्रदान कर दी थी। चंपई सोरेन की अगुवाई वाली सरकार के पक्ष में 47 विधायकों ने मतदान किया वहीं प्रस्ताव के विरोध में 29 वोट पड़े। जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने खुद को मतदान से दूरी बना ली। हजारी बाग जिले के बरकट्ठा के निर्दलीय विधायक अमित यादव विधानसभा ही नहीं पहुंचे। बीजेपी के 25 विधायकों के अलावा आजसू के 3 और एनसीपी के एख विधायक ने सरकार के खिलाफ मतदान किया।
गौरतलब है कि विश्वास मत पर वोट देने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक रविवार रात में ही विशेष विमान से हैदराबाद से रांची पहुंच गए थे। चंपई सोरेन के शपथ ग्रहण के बाद शुक्रवार दो फरवरी को कांग्रेस और झामुमो के इन विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया था, ताकि राजनीतिक जोड़तोड़ की गुंजाइश नहीं बचे। रांची वापस आने पर सभी विधायकों को स्टेट गेस्ट हाउस में ठहराया गया। उधर पिछले कुछ दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे और हेमंत सोरेन के विरोध में बयान दे रहे झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने भी सरकार को समर्थन दिया। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 6 फरवरी सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी।
हेमंत बाबू है तो हिम्मत है: चंपई सोरेन
“हेमंत बाबू है तो हिम्मत है” झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपने विश्वासमत प्रस्ताव की शुरूआत इन्हीं शब्दों के साथ की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद से ही विपक्ष की ओर से सरकार गिराने की साजिशें शुरू हो गईं थी।
हेमंत सोरेन के कुशल नेतृत्व में किसी को तकलीफ नहीं हुई
नये मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व को कुशल नेतृत्व करार दिया। उन्होंने कहा कि जब कोरोना वायरस ने दस्तक दी तो पूरी दुनिया थम गई थी। भारत में भी लॉक डाउन लगा दिया गया। लोग जहां थे, वहीं रह गये लेकिन हमारे युवा नेता हेमंत सोरेन ने किसी प्रवासी मजदूर को किली तरह का कोई तकलीफ नहीं होने दिया। किसी को भूख से मरने नहीं दिया। बस, ट्रेन और हवाई जहाज से उन्हें अन्य राज्यों से झारखंड लाये।
बिना किसी गलती के हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा
नये मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन ने इस बात की चिंता किया कि प्रदेश के आदिवासी मूलवासी के तन पर कपड़े क्यों नहीं हैं। उनके पैरों पर चप्पल नहीं थे, उनके लिए भी हवाई जहाज की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने हमें संघर्ष करना सिखाया है। वहीं मेरे आदर्श हैं। उन्होंने केंद्र की वर्तमान सरकार को “महाराज” की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि 2019 में हेमंत सोरेन के हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। किसी खाते में उनका नाम नहीं है, फिर भी उनको जेल जाना पड़ा।
चंपई ने केन्द्रीय एजेंसियों पर लगाये आरोप
नये मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने ईडी, सीबीआई और आईटी पर भी आरोप लगाया। साथ ही कहा कि ये केंद्रीय एजेंसियां केंद्र की सरकार के इशारे पर काम करती हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। बाबा भीमराव आंबेडकर और जयपाल सिंह मुंडा ने जो संविधान बनाया था, उसकी रक्षा एवं लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें आपके समर्थन की जरूरत है।
31 जनवरी को हेमंत सोरेन ने दिया था इस्तीफा
जमीन घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन को गठबंधन के विधायक दल का नया नेता चुना गया था। गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और 2 फरवरी को राजभवन में उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।