एक साथ उठे चार शव तो दहल उठा महावलपुर
एक साथ उठे चार शव तो दहल उठा महावलपुर
दुर्घटना में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत पर गमजदा हुआ उदयपुर क्षेत्र
योगेश मिश्र
लालगंज, प्रतापगढ़। दुर्घटना में एक ही परिवार के दो मासूम समेत हुई चार मौतों को लेकर घटना के दूसरे दिन महावलपुर गांव चीत्तकार से दहल उठा। दोपहर बाद जब एक साथ चार शव अंतिम संस्कार के लिए घर की डेहरी से निकले तो गांव के साथ ही आस पास का इलाका भी असहनीय गम में पिघल उठा।
उदयपुर थाना के महावलपुर गांव के लल्लन सिंह का पुत्र मनोज सिंह शनिवार की सुबह अपनी पत्नी सीमा तथा दो मासूम बच्चों के साथ बाइक से ससुराल पट्टी थाना के जामताली बधवा बाजार हंसी खुशी अपनी ससुराल के लिए बाइक से निकला। पृथ्वीगंज बाजार के काल ने ऐसा खेल खेला कि मनोज के साथ उसकी पत्नी सीमा तो मौत के आगोश में आ ही गये, खिलखिला रहे दो मासूम पुत्र शिवम 5 तथा बेटी सपना 8 भी निष्ठुर मौत के शिकार हो गये। पीएम के बाद देर शाम चारों शव घर पहुंचा तो पिता लल्लन सिंह की आंखों के सामने जैसे अमिट अंधेरे का दर्द बाहर आ गया हो।
वही मृतक मनोज की मां शंकुतला देवी बार बार अचेत हो बेटे और बहू के साथ पोता और पोती के अब कभी न होने की पीड़ा बर्दास्त नहीं कर पा रही दिखी। जब मृतक मनोज का भाई नीरज कर्नाटक से घर पहुंचा और बहन बिट्टू भी चण्डीगढ़ से पहुंची तो दोपहर बाद परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए सई तट पर लेकर निकले। फूल जैसे दोनों बच्चों के शवो को जब परिजनों ने अपने हाथ में लिया तो घर परिवार के साथ वहां मौजूद हर आंखे भर आई।
सई तट पर एक ही चिता पर जनम जनम का रिश्ता बनाने का सपना सजोयें मनोज और सीमा तथा इन्ही के कलेजों के टुकड़ों को रखा गया। मनोज को उसके भाई रमेश सिंह ने तो मनोज की पत्नी सीमा को देवर प्रमोद सिंह ने मुंखाग्नि दी। दोपहर सीमा के मायके से भी उसकी मॉ तथा बुआ व अन्य रिश्तेदार पहुंचे तो मातम का माहौल और चीख पुकार में बदल गया। अतिम संस्कार के समय स्वजनों के साथ ग्रामीणो की भारी भीड़ के अलावा उदयपुर एसओ निकेत भारद्वाज भी फोर्स के साथ मौजूद रहे।
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