70 प्रतिशत ग्रामीण शौचालयों के निर्माण में खुलेगी बड़ी धांधली!
जांचकर्ताओं ने जांच में लिखा ‘आल इज वेल’
ग्रामीण आज भी बाहर शौच करने को मजबूर
जयशंकर दूबे/धर्मेन्द्र सिंह
बल्दीराय, सुल्तानपुर। सरकारी अभिलेखों में ग्रामीण स्वच्छता योजना परवान चढ़ चुकी है । लाभार्थी, स्वच्छ शौचालय में शौच भी कर रहे हैं। निर्माणोपरान्त विभागीय जांच में भी आल इज वेल ऑन रिकार्ड है किंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही है। केंद्र सरकार ने ग्रामीण स्वच्छता योजनान्तर्गत, सभी ग्रामीणों को स्वच्छ शौचालय देने की योजना चलाई। इस योजना से जहां स्वास्थ्य हित में मानव को दूषित पर्यावरण से बचाना है तो वहीं विशेषतः प्रत्येक घर की इज्जत, बहू बेटियों को, बाहर शौच से भी बचाने की सरकार की बड़ी मंशा है।
योजना परवान चढ़ने से पहले ही तब धराशायी हो गयी, जब नियम कानूनों की अनदेखी कर, ठेकेदारी प्रथा से, 12000 के शौचालय, मानक के विपरीत, जर्जर व घटिया बनवा दिए गए। प्रधानों से ब्लाककर्मी तक धन लोलुपता के चक्कर में ऐसे शौचालय का निर्माण करवा दिए जिससे अब इज्जतघर की ही इज्जत खतरे में है। मजे की बात तो यह है कि बनवाये गए इज्जतघरों का ओडीएफ किया जा चुका है। कागजी जांच कार्य भी पूरे कर लिए गए हैं किंतु स्थिति यह है कि लाभार्थियों को शौंच के लिए बाहर भी जाना पड़ रहा है तो सवाल उठना वाजिब भी है। बल्दीराय एवं धनपतगंज ब्लाक में ठेका प्रथा से बनवाये गए शौचालयों में हुए व्यापक भ्रष्टाचार में जांच अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध हो गयी है जिसके चलते करोड़ों रुपये का ष्घोटालाष् सिर उठाये मुंह बाए खड़ी हैं। जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार के चश्मे से अंधी हो गयी है जिससे न वर्तमान भाजपा सरकार की मंशा साकार हो रही है, अपितु इन भ्रष्ट अधिकारियों के वजह से लाभार्थी आज भी बाहर शौच जाने को विवश है। गरीब घर की महिलाएं इज्जतघर के लिए आज भी मोहताज हैं। धनपतगंज के पडरे, ऐंजर, खारा, पीरो सरैया, रसहरा, अमऊजासरपुर, जूडापट्टी, जज्जऔर, वरासिन, इटवामलनापुर, सरैयामाफी, टीकर ग्रामसभा तथा बल्दीराय के रामनगर, मऊ, रैंचा, बघौना अलियाबाद, शैनी, चकशिवपुर, सोरांव, सिंघनी ग्रामसभाओं में ग्रामीण स्वच्छता मिशन अंतर्गत शौचालय निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है।
यहां निर्मित शौचालय या तो आधे अधूरे हैं अथवा 80 प्रतिशत ध्वस्त होकर निष्प्रयोज्य हो गए हैं जिनमंे शौच करना जान जोखिम में डालने जैसा है। यदि केंद्र सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना की निष्पक्षपूर्ण जांच हो जाए तो प्रधान व जांचकर्ताओं तक के भ्रष्टाचार में संलिप्तता की कलई परत दर परत खुल जाएगी। ग्रामीणों के अनुसार शौचालय निर्माण के भ्रष्टाचारियों ने भाजपा सरकार की छवि धूमिल कर शासन की मंशा को धूमिल किया है।
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