शिव कृपा से ही सुनने को मिलती है भागवत कथा
रूपा गोयल
बांदा। रामलीला मैदान में चल रहे धार्मिक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे दिन आचार्य नवलेश दीक्षित जी महाराज ने कहा कि हम सत्य का आचरण करें। किसी के मन को न दुखाएं। सबको आनंद प्रदान करें। दीन दुखियों की मदद करें तो हम भी नारायण के स्वरूप में सम्मिलित हो सकते हैं। सोमवार को प्रवचन करते हुए उन्होंने श्रीमद्भागवत का अर्थ समझाते हुए कहा कि श्री का तात्पर्य है लक्ष्मी (धन), मद का अर्थ है अहंकार, भा का अर्थ है भक्ति, ग का अर्थ है ज्ञान, व का अर्थ है वैराग्य और त का अर्थ है तरण। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत मनुष्य में धन के अहंकार को दूर करके भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और मोक्ष को देने वाली है। उन्होंने कहा कि भागवत का अर्थ भगवान नहीं है भगवद का अर्थ भगवान होता है। भागवत का अर्थ भक्त होता है। यह नारायण के द्वारा कही गई भक्तों की कथा है। उन्होंने कहा कि शिव कृपा के बिना जीव को भागवत की कथा श्रवण करने को नहीं मिलती। रामलीला मैदान में आयोजित भागवत कथा श्रवण कथावाचक आचार्य नवलेश दीक्षित महाराज द्वारा संचालित। कथा परीक्षित रानी देवी श्याम लाल गुप्ता,व्यवस्थापक उनके पुत्र सुनील कुमार गुप्ता, रज्जन कुमार गुप्ता रहे। राष्ट्रीय कथा प्रवक्ता, कथा व्यास भागवत पीठ के संस्थापक भागवत रतन परम पूज्य नवलेश दीक्षित महाराज के मुखारबिन्द से श्रद्धालुओं ने कथा सुनीं। इस मौके पर पूर्व चेयरमैन राजकुमार राज, मनोज कुमार, नीतू सिंह, मयंक खरे, कोमल, पवन, संदीप, संतोष, आरती, आशा, वंदना, हनुमान प्रसाद, अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।
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