ऑस्ट्रियाई दूतावास के उपायुक्त बर्नड एण्डरसन ने बुन्देलखण्ड के पर्यटन स्थलों का किया भ्रमण

ऑस्ट्रियाई दूतावास के उपायुक्त बर्नड एण्डरसन ने बुन्देलखण्ड के पर्यटन स्थलों का किया भ्रमण

मुकेश तिवारी
झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान द्वारा विश्व पर्यटन सप्ताह समारोह में सम्मिलित होने के लिए आये ऑस्ट्रियाई दूतावास के उपायुक्त बर्नड एंडरसन एवं इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के भूतपूर्व निदेशक व साहसिक पर्यटन विशेषज्ञ धरमबीर सिंह गुलिया ने झाँसी किले और ओरछा का भ्रमण किया। किला भ्रमण के दौरान वहाँ लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से स्वातंत्र्य समर में वीरांगना लक्ष्मीबाई की शौर्य और संघर्ष को करीब से जाना। बर्नड एंडरसन ने कहा कि ऐसे धरोहर स्थलों को संरक्षित करने के साथ साथ ही व्यापक रूप से प्रचारित प्रसारित करना चाहिए क्योंकि ऐसे धरोहर स्थल किसी भी देश के जीवंत इतिहास होते हैं जो स्वयं ही उस देश के समृद्ध इतिहास को बयान करते हैं।

लाइट एंड साउंड शो के बारे में उन्होंने बताया कि फ़्रांस ने इस तकनीक का उपयोग कर व्यापक रूप से विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया निश्चित रूप से झाँसी भी इसमें सफल होगा। डीएस गुलिया ने कहा बचपन से रानी झाँसी की कहानियाँ व उनपर लिखी कवितायेँ सुनते आ रहें हैं, आज यहाँ आकर गर्व की अनुभूति हो रही है, यह स्थल हम भारतीयों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी व तीर्थस्थल के सामान है, मुझे लगता है कि प्रत्येक भारतीय को अपने जीवन में एक बार अवश्य यहाँ इस भूमि पर आकार हमारी अमर वीरांगना को श्रद्धा सुमन अर्पित करना चाहिए। ओरछा भ्रमण के दौरान बर्नड एंडरसन और डीएस गुलिया ने बेतवा नदी में वाटर राफ्टिंग का लुफ्त उठाया और वहाँ के किले, जहाँगीर महल, चतुर्भुज मंदिर व छतरियों का भ्रमण किया। बर्नड एंडरसन ने कहा कि यहाँ पर साहसिक गतिविधियों विशेषकर वाटर राफ्टिंग व कयाकिंग का होना मेरे लिए सुखद आश्चर्य है, नदी के एक तरफ ऐतिहासिक धरोहरें व दूसरी तरफ घने जंगलों का होना यहाँ के दृश्य को और भी मनमोहक बना रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की विविधिता और गतिविधियाँ पर्यटन के लिए आवश्यक हैं इन्हें और अधिक बढ़ाये जाने की आवश्यकता है जो इस क्षेत्र के लोगों के लिए व्यापार व रोजगार के नये आयाम सिद्ध होंगी।

साहसिक पर्यटन के विशेषज्ञ डीएस गुलिया ने कहा कि बेतवा नदी वाटर स्पोर्ट एवं अन्य साहसिक गतिविधियों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है किन्तु बुन्देली धरा का भी उपयोग रॉक क्लाइम्बिंग, ट्रेकिंग, रैपलिंग आदि के लिए किया जाना चाहिए जिसमे यहाँ की पहाड़ियां व जंगल सर्वथा उपयोगी सिद्ध होंगें। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय का पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने व अधिक से अधिक मात्रा में पर्यटकों को यहाँ के पर्यटन स्थलों से जोड़ने के दिशा में लगातार विभिन्न प्रकार के आयोजनों व शोध के माध्यम से सराहनीय कार्य कर रहा है। भ्रमण के दौरान आईटीएचएम के निदेशक प्रो० सुनील काबिया ने अतिथियों को सभी ऐतिहासिक स्थलों के साथ यहाँ की संस्कृति, व्यंजन आदि के विषय में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ० संजय निभोरिया, इं अनुपम व्यास, सत्येन्द्र चौधरी, हेमंत चंद्रा, अंकुर चाचरा, निशांत पुरवार, अभिषेक जोशी, मनोहर आदि उपस्थित रहे।

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पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर युवक ने ​खाया जहरीला पदार्थ | #TEJASTODAY चंदन अग्रहरि शाहगंज, जौनपुर। क्षेत्र के पारा कमाल गांव में पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर बुधवार की शाम युवक ने किटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया। आनन फानन में परिजनों ने उपचार के लिए पुरुष चिकित्सालय लाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। क्षेत्र के पारा कमाल गांव निवासी पिंटू राजभर 22 पुत्र संतलाल बुधवार की शाम पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर घर में रखा किटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया। हालत गंभीर होने पर परिजन उपचार के लिए पुरुष चिकित्सालय लाया गया। जहां पर हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

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