उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को किया गया सम्मानित

उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को किया गया सम्मानित

गोविन्द वर्मा
निन्दूरा, बाराबंकी। स्थानीय विकास खण्ड क्षेत्र में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में भारत को नेट जीरो बनाने में ऊर्जा संरक्षण का योगदान शीर्षक पर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जहां विद्यालय के दर्जन भर छात्र—छात्राओं ने बढ़—चढ़कर हिस्सा लिया। पेंटिंग प्रतियोगिता से पहले शिक्षकों द्वारा प्रार्थना सभा में विद्यार्थियों को नेट जीरो क्या है और ऊर्जा संरक्षण कैसे कर सकते है के बारे में विस्तार से बताया गया।

दिव्या भारती कक्षा 11 निधि कक्षा 11, सरिता कक्षा 11 प्रिंश शर्मा कक्षा 11 आशीष कक्षा 9 ने ऊर्जा संरक्षण द्वारा भारत में कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करने हेतु पेंटिंग के माध्यम से जीवाश्म ईंधन का प्रयोग ना करके विद्युत ऊर्जा पवन ऊर्जा नाभिकीय ऊर्जा सौर ऊर्जा के प्रयोग द्वारा भारत में कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करने के विभिन्न उपायों को दर्शाया गया है। विद्यार्थियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को लेकर प्रधानाचार्य डॉ राम सिंह ने पांचों विद्यार्थियों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया और प्रोत्साहन स्वरूप पांचों विद्यार्थियों को स्वेटर देकर सम्मानित किया।

क्या है नेट जीरो?
नेट जीरो का अर्थ यह है कि सभी देशों को जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए कार्बन न्यूट्रैलिटी यानी कार्बन के उत्सर्जन में तटस्थता लानी है। इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि कोई देश कार्बन के उत्सर्जन को शून्य पर पहुंचा दे। नेट जीरो का अर्थ है कि किसी भी देश के उत्सर्जन का आंकड़ा वायुमंडल में उसकी ओर से भेजी जा रही ग्रीनहाउस गैसों के जमाव को स्थिर रखे। नेट जीरो का सीधा सा अर्थ है कार्बन को साबित करने वाले जीवाश्म के प्रयोग को कम करना और उनके स्थान पर इलेक्ट्रिक, परमाणु ऊर्जा, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, हाइड्रोजन द्वारा ऊर्जा हितों की पूर्ति करना। जीवाश्म ईंधन के स्थान पर विद्युत ऊर्जा, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, हाइड्रोजन के प्रयोग द्वारा कार्बन के उत्सर्जन को कम करना ताकि भावी पीढ़ी के लिए जीवाश्म ईंधन उपलब्ध रहें।

इससे ऊर्जा के स्रोत जीवाश्म ईंधन का संरक्षण भी होगा। साथ ही पृथ्वी पर ग्रीनहाउस गैसेस की जो अधिक मात्रा उत्सर्जित हो रही है, वह भी घटेगी। साथ ही विद्युत ऊर्जा के संरक्षण के लिए एलईडी बल्ब के प्रयोग, लाइट वेट पंखों के प्रयोग, सौर ऊर्जा के प्रयोग पर अधिक बल देना चाहिए। प्रधानाचार्य ने बताया कि उत्कृष्ट पेंटिंग बनाने वाले छात्रों को विद्यालय स्तर पर चुना जाएगा। उसके बाद ब्लॉक स्तर पर जिन बच्चों ने पेंटिंग्स बनाई होंगी। उनमें से सबसे अच्छी पेंटिंग बनाने वाले एक बच्चे का चुनाव करके जिले स्तर पर उसका नाम, कक्षा विद्यालय सहित भेजी जाएगी उसके बाद जिला स्तर पर जिस बच्चे को चुना जाएगा। उसे आगामी 14 दिसंबर को ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर पुरस्कृत किया जाएगा।

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