सैन्य अधिकारी बनने का एक और गुरू मंत्रः साक्षात्कार बनाम मनसा यानी मनःस्थिति
सैन्य अधिकारी बनने का एक और गुरू मंत्रः साक्षात्कार बनाम मनसा यानी मनःस्थिति
आरएल पाण्डेय
लखनऊ। सेना में सर्विस सिलेक्शन बोर्ड परीक्षा की चयन परिक्रिया को 3 अलग-अलग हिस्सों में संचालित किया जाता है जिसे कहते हैं मनसा, वाचा और क्रिया। इसका तात्पर्य यह है कि ये तीनों हिस्से अलग-अलग अधिकारी द्वारा जांचे जाते हैं और हर एक का परीक्षा का तरीका अलग होता है। जहां एक ओर मनोवैज्ञानिक आपके दिमाग को बिना आपके संपर्क में आये हुए अपना असेस्मेंट बनाता है, वहीं पर एक इंटरव्यू अफसर आपसे सीधे संपर्क में आता है।
यहां पर असेसमेंट होता है वाचा का यानी कि जुबानी बातचीत। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण टेस्ट है जहां पर एक उमीदवार की बोलने की शक्ति और उसके सामान्य ज्ञान और अन्य लीडरशिप क्वालिटीज को जांचा जाता है। इस कार्यवाही में भी तकरीबन 30 से 40 मिनट का समय लगता है। इस दौरान ज्यादातर बातचीत उम्मीदवार द्वारा होती है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिये जरुरी है कि सेना के अनुभवी और सीनियर अधिकारियों की सलाह ली जाय।