246वीं रैंक लाकर अमित ने बढ़ाया जिले का मान

246वीं रैंक लाकर अमित ने बढ़ाया जिले का मान

अब्दुल शाहिद
बहराइच। कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों… प्रखर कवि दुष्यन्त कुमार की ये पंक्तियां अंतरराष्ट्रीय सीमा के आकांक्षात्मक जनपद बहराइच के एक लाल ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अपनी माँ के सपनों को पंख लगाने के लिए पांचवीं बार में 246वीं रैंक लाकर साबित कर दिया। जीवन भर स्कॉलरशिप पर पढ़ाई और आखिरी में लोन लेकर बीटेक किया। बीटेक करने के बाद नौकरी के लिये निकल गए लेकिन हिम्मत नहीं हारी और सिविल सर्विस की परीक्षा में ऑल इंडिया में 246वीं रैंक लाकर न सिर्फ अपनी माँ के सपने को साकार किया बल्कि पिछड़े जनपद के इस दाग को भी धुल दिया।

जी हाँ! हम बात कर रहे हैं नीति आयोग के सूचकांक में सबसे पिछड़े जिले की श्रेणी में आने वाले जनपद बहराइच के माध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले अमित गुप्ता की। यूपीएससी परीक्षा में 246वीं रैंक लाकर अमित गुप्ता ने न सिर्फ जिले का बल्कि राज्य का नाम भी रौशन किया है। चार बार सिविल सेवा परीक्षा असफल का स्वाद चखने के बाद भी अमित ने हार नहीं मानी और पांचवें प्रयास में अपनी माँ के सपनों को पंख लगाने में कामयाब हो गए। अमित ने स्थानीय सेंट नार्बर्ट्स स्कूल से हाईस्कूल की परीक्षा में 97.6 प्रतिशत व लखनऊ के सीएमएस स्कूल से इंटरमीडियट में 97.4 प्रतिशत अंक लाकर जिला टॉप किया।

स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और दिल्ली में सैमसंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट में बतौर इंजीनियर एक वर्ष तक अपनी सेवा दी। बचपन से सिविल सेवा की परीक्षा का सपना पाले अमित इसके बाद यूपीएससी की तैयारी में लग गए। लगन और कड़ी मेहनत के बाद भी लगातार चार बार सिविल सेवा परीक्षा असफल का स्वाद चखने के बाद भी अमित ने हार नहीं मानी और पांचवें प्रयास में अपने सपनों को पंख लगाने में कामयाब हो गए।

दिन-रात की मेहनत के बाद अमित ने पांचवें प्रयास में 246 वीं रैंक प्राप्त की। अमित इस समय बतौर एसडीएम महराजगंज में तैनात हैं और अभ्युदय योजना के अन्तर्गत एडीएम पंकज वर्मा के सानिध्य में बच्चों को मुफ्त यूपीएससी एवं यूपीपीसीएस की तैयारी कराते हैं। अमित के पिता राकेश गुप्ता परचून की दुकान चलाते हैं, जबकि माता पूनम गुप्ता गृहिणी हैं। घर में पठन पाठन का माहौल रहने का भरपूर लाभ मिला। अमित का कहना है कि यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने के लिए कई चुनौतियां सामने आती हैं लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा कि लगातार अपना सकारात्मक मेहनत के साथ परिणाम देते रहना चाहिए, सफलता जरूर मिलती है। डरो मत, चुनौती से लड़ो अपने शहर के युवाओं को संदेश देते हुए अमित कहते हैं कि यदि सपने बड़े हैं तो बेशक चुनौतियां भी सामने आएंगी, डरो मत चुनाैती से लड़ते रहो, सफलता जरूर मिलेगी। सिलेबस को हर हाल में पूरा करना होता है और इसके साथ साथ यूपीएससी की परीक्षा के लिए सभी विषयों की समग्र जानकारी बेहद जरुरी है। सिलेबस पूरा करने के बाद ही किसी अच्छी कोचिंग संस्थान से जुड़ें, तब ही लाभ मिलेगा। कम समय में अधिक से अधिक विषयों की पढ़ाई और रिवीजन जरूरी है।

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