भतीजे का अपहरण कर चाचा ने शव गंगा नदी में फेंक दिया
भतीजे का अपहरण कर चाचा ने शव गंगा नदी में फेंक दिया
अखिलेश श्रीवास्तव
लखनऊ। चिनहट के कमता स्थित सनातन नगर कॉलोनी निवासी फूड इंस्पेक्टर धीरेन्द्र पाण्डेय के 4 वर्षीय बेटे का अपहरण उनके चचेरे भाई ने कर लिया और गला दबाकर हत्या कर शव को कानपुर के जाजमऊ स्थित गंगा नदी में फेंक दिया। पुलिस का कहना है कि गिरफ्त में आये आरोपी चाचा ने बच्चे की हत्या की बात कुबूली है। पुलिस ने इस मामले का राजफाश कर अमित कुमार पाण्डेय को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस अभी तक शव को नहीं खोज पाई है। डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह का कहना है कि राम पांडेय के शव की तलाश एसडीआरएफ और अन्य गोताखोरों की मदद से ढूंढा जा रहा है। मालूम हो कि मूल रूप से जनपद कौशांबी निवासी धीरेन्द्र पांडेय फूड इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं।
वह चिनहट के कमता क्षेत्र स्थित सनातन नगर कॉलोनी में पत्नी रश्मि पांडेय सहित परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रहते हैं। धीरेन्द्र पांडेय का चार वर्षीय इकलौता बेटा राम पांडेय चार सितंबर को चचेरे भाई अमित कुमार पाण्डेय के साथ संदिग्ध हालात में लापता हो गया था। तीन दिन बाद अमित नाटकीय ढंग से वापस आ गया तो घर वालों ने राम के बारे में पूछा लेकिन वह गोलमाल जवाब देकर टाल दिया। काफी तलाश करने के बाद परिजनों ने लिखित तहरीर देकर थाने में सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाला तो मासूम राम पांडेय अमित कुमार पाण्डेय के साथ जाते दिखाई दिया था। इस पर पुलिस आनन फानन में अमित को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की, लेकिन वह पुलिस को गुमराह करता रहा। कभी दो तीन लोगों द्वारा राम को अगवा करने की बात कह रहा था तो कभी तरह-तरह की बातें बता पुलिस को गुमराह करता रहा। पुलिस ने जब अमित से कड़ाई से पूछताछ शुरू की तो वह कुबूल कर लिया कि राम पांडेय उसने अगवा कर घर से ले गया और कानपुर जिले के जाजमऊ के पास गला दबाकर हत्या करने के बाद शव को गंगा नदी में फेंक दिया है।
कोचिंग के लिये नहीं दिया रूपये तो उतारा मौत के घाट
डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह के मुताबिक पकड़ा गया आरोपी अमित ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि उसके पिता खेती करते हैं और चाचा एवं बड़े पिता ने नौकरी नहीं करने दिया कि पढ़ाई लिखाई से लेकर सब खर्च पूरा करेंगे। पुलिस को बताया कि वह कोचिंग की फीस जमा करने के लिए चाचा धीरेन्द्र पांडेय से 50 हजार रुपए मांगा था लेकिन उन्होंने पैसे देने से मना किया दिया तभी से बदला लेने के लिए ठान लिया और मौका मिलते ही मासूम राम पांडेय को अगवा कर मौत के घाट उतार दिया।
पल भर में ही बुझ गया घर का चिराग
कल तक जिसकी सलामती के लिए सभी प्रार्थना कर रहे थे, उसी इकलौते बेटे राम पांडेय की मौत की खबर मिलते ही पूरे परिवार पर कहर का पहाड़ टूट पड़ा। छह दिनों से परिवार से लेकर करीबी रिश्तेदार सलामती की दुआ कर रहे थे कि राम जल्द सकुशल वापस आ जाएगा और खोई खुशियां एक बार फिर से उनके परिवार को मिल जायेंगी। पूरी कॉलोनी में मातम छाया है। सबकी जुबान पर एक ही चर्चा हो रही है और आखिर किस पर कोई भरोसा करे जब अपने ही अपनों का खून बहा रहे हैं।
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