शिवमंगल अग्रहरि
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ से प्राप्त कार्ययोजना के अनुक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रभारी सचिव अपर जिला जज नीलू मेनवाल ने जिला कारागार में महिला बैरक का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन भी किया। प्रभारी सचिव अपर जिला जज नीलू मेनवाल ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जनपद न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम के मार्गदर्शन में यहां विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रदेश स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन है जो जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करता है। उन्होंने जेल में निरूद्ध 18 से 21 वर्ष के बाल बंदियों से वार्ता की और कहा कि वह लोग किसी गलती के कारण यहां निरूद्ध हैं। यहां से निकलने के बाद सभी लोग एक अच्छे नागरिक बन सकते हैं। जेल में निरूद्ध रहते हुए शिक्षा पर विशेष ध्यान देकर बाल बंदी स्वयं को ऐसा योग्य बना लें कि जेल से रिहा होने के बाद नई पहचान के साथ समाज में सम्मानजनक स्थान बनाएं और दूसरे को भी प्रेरणा दे सकें। इस दौरान उन्होंने महिलाओं को कौशल विकास मिशन के तहत सिलाई कार्य के प्रशिक्षण का अवलोकन किया और उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जेल से रिहा होने के बाद इस हुनर के बल पर महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं। उन्होंने जेलर को निर्देश दिए कि ऐसे बंदी जिनके पास अधिवक्ता नहीं हैं, उनको निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए बंदियों की ओर से प्रार्थना पत्र प्राप्त कर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भेज दें।
इस मौके पर जेलर चितरंतन श्रीवास्तव, बृजकिशोरी, प्रमोद कुमार कनौजिया, प्रभारी चिकित्साधिकारी डाॅ. रामानुजन, डाॅ. विकास सिंह आदि मौजूद रहे।
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