दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से सोलापुर से आने वाले अभिनेता–निर्देशक एजाज़ अहमद ने बनाई अपनी पहचान

दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से सोलापुर से आने वाले अभिनेता–निर्देशक एजाज़ अहमद ने बनाई अपनी पहचान

मुम्बई। दुनिया में सक्सेस की चाबी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प ही है, जिसको आत्मसात कर कई लोगों ने सफलता की बुलंदियों पर अपना परचम लहराया। ऐसे ही हैं अभिनेता निर्देशक एजाज़ अहमद, जिन्होंने अपने जुनून को परवाज बनाया और आज वे किसी पहचान के मोहताज नहीं। एजाज़ अहमद से जुड़ी एक खास बात यह है कि वे उस सोलापुर से आते हैं, जिसका जिक्र हिंदी सिनेमा में खूब किया गया है। यही वजह है कि आज जब सोलापुर का नाम हिंदी फिल्म के लिए रखा जाता है, तो अभिनेता और निर्देशक “एजाज़ अहमद” का नाम अक्सर इस्तेमाल किया जाता है।
आपको बता दें कि एजाज़ अहमद ने अपनी स्कूली शिक्षा पंगल स्कूल से की और सोशल कॉलेज से एमए के बाद पत्रकारिता में डिग्री हासिल की। लेकिन उन्होंने करियर के लिए एड फिल्म्स को चुना और सिनेमा की दुनिया में कदम रख दिया।

मालूम हो कि एजाज अहमद ने सोलापुर में छोटी फिल्में बनाना शुरू किया था। बचपन में फिल्म “मैंने प्यार किया” देखने के बाद उन्होंने निर्देशक बनने का फैसला किया। एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे इस बच्चे के पास बहुत कम मौके थे। उनके पिता चाहते थे कि वह रेलवे में नौकरी करें, लेकिन वह नौकरी न करने पर अड़े थे और उनकी बड़ी बहन ने उनका साथ दिया। यहां तक कि उनके कॉलेज के दोस्त भी निर्देशन में उनकी रुचि के बारे में जानते थे और उन्हें लगातार प्रोत्साहित करते थे।
सोलापुर में एक तैयार कपड़े की उनकी दुकान सुचारू रूप से चल रही थी, लेकिन एजाज अहमद के मन में कुछ और ही चल रहा था। यह जानकर उनकी बड़ी बहन ने उन्हें पुणे आमंत्रित किया और वहां फिल्म निर्देशन का अध्ययन करने में उनकी मदद की। बाद में, एजाज अहमद ने मैट्रिक्स मीडिया नाम की एक कंपनी की स्थापना की और इस कंपनी के माध्यम से विज्ञापन फिल्में और वीडियो फिल्में बनाना शुरू किया। उन्होंने पुणे और सोलापुर के विभिन्न ब्रांडों के लिए 400 से अधिक विज्ञापन पोस्टर बनाए हैं।

धीरे-धीरे एजाज अहमद ने निर्देशन में अपना नाम बनाया और कुछ ही सालों में उन्होंने बॉलीवुड में अपना नाम बना लिया और बॉलीवुड की बड़ी-बड़ी हिंदी फिल्में बनाने लगे। आज एजाज अहमद ने अपनी फिल्मों के जरिए सोलापुरा का नाम बॉलीवुड ही नहीं बल्कि देशभर के फिल्म प्रेमियों तक पहुंचाया है। यही वजह है कि उन्हें मिले कुछ पुरस्कार प्रेस मीडिया अवार्ड (2016), छत्रपति शिवाजी महाराज गौरव अवार्ड (2017), और दादा साहब फाल्के यूथ आइकन अवार्ड (2019) हैं। एक अभिनेता, निर्देशक और गायक के रूप में उनकी पहचान उनके दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत का परिणाम है।

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