मुख्यमंत्री के करीबियों के शेल कम्पनियों में निवेश व माइनिंग लीज आवण्टन मामले की अगली सुनवाई 5 को होगी
नीरज कुमार
रांची। झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनियों में निवेश और अनगड़ा में माइनिंग लीज आवंटन मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और महाधिवक्ता ने पक्ष रखा जबकि प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट में पक्ष रखा। अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट को शेल कंपनी का ब्यौरा दिया जिसमें करोड़ों रुपये की लेन- देन की गई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष रखने के लिए और समय की मांग की जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख पांच जुलाई 2022 निर्धारित की है। गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में शेल कंपनी और माइनिंग लीज मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और महाधिवक्ता ने पक्ष रखा। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने खंडपीठ से अपना पक्ष रखने के लिए और समय की मांग की। सभी पक्ष की दलील सुनने के बाद खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई 5 जुलाई 2022 निर्धारित की है। शपथ पत्र में प्रार्थी के आरोपों को बताया गया गलत
इसके पहले झारखंड हाईकोर्ट में शेल कंपनियों में निवेश मामले में राज्य सरकार ने शपथ पत्र दायर करते हुए हेमंत सरकार ने अपनी उपलब्धियां गिनायीं। वहीं प्रार्थी शिवशंकर शर्मा के सारे आरोपों को गलत बताया। साथ ही कहा कि प्रार्थी की ओर से मनगढ़ंत आरोप लगाए गए हैं। हाईकोर्ट में प्रार्थी ने दायर की दो जनहित याचिका
बता दें कि प्रार्थी शिवशंकर शर्मा ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सीएम हेमंत सोरेन के करीबियों द्वारा शेल कंपनियों में निवेश का आरोप लगाया है। साथ ही मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। इसके अलावा प्रार्थी की ओर से दूसरी जनहित याचिका भी दायर की गई है। इसके तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन में माइनिंग लीज आवंटन मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। प्रार्थी ने लीज आवंटन को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-9ए का उल्लंघन बताया।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।