डीपीआरओ कार्यालय बना भ्रष्ट व्यवस्था का अंश
डीपीआरओ कार्यालय बना भ्रष्ट व्यवस्था का अंश
विशाल रस्तोगी
सीतापुर। विकास भवन में स्थित जिला पंचायत राज अधिकारी का कार्यालय वर्तमान समय में भ्रष्ट व्यवस्था का बड़ा अंश बन गया है। यहां की कमीशनबाजी पूरे विकास भवन में चर्चित है। यहा से जारी होने वाले वाले बड़े विकास कार्य को जब तक मंजूरी नहीं दी जाती है जब तक विभाग में कमीशन के नाम पर लिफाफा एडवांस में नहीं पहुंच जाता है। यह केवल बानगी है लेकिन इस विभाग में और भी बहुत बड़ी ही कुशलता के साथ सम्पन्न होता है। भले ही यह विभाग भ्रष्ट व्यवस्था का अंश बना हो लेकिन कमीशन के नाम पर हो लिफाफा आता है, उसका बंटवारा ईमानदारी के साथ होता है।
यहां की ईमानदारी इतनी मजबूत है कि जो सचिव कार्यालय में अटैच है कमीशन उनको भी दिया जाता है, यानी भेदभाव नहीं होता है। इससे बड़ी बात तो यह है कि इस विभाग की ईमानदारी इतनी मशहूर हो गयी है कि पद के अनुसार कर्मचारियों का कमीशन सेट है। सूत्रों की मानें तो इस विभगा मंे लिफाफे की रकम का कमीशन चपरासी तक को मिलता है। इस कारण इस विभाग के कर्मचारियों मे एकता बहुत बड़ी है। एकता का ही परिणाम है कि वर्षों से फाइलें पड़ी धूल खा रही हैं लेकिन विभागीय जांच अधिकारियों द्वारा फाइलों पर आख्या नही लगाई जा रही है। लिफाफा देने वाले सचिवगणों का विभाग में बड़ा ख्याल रखा जाता हैं। बताया जाता है कि एक सीमा के बाद अगर कोई ग्रामसभा में विकास कार्य होता है तो उसका परमिशन जिला पंचायत राज विभाग देता है। जब तक विभाग को कार्य के अनुसार लिफाफा नहीं मिलता है तब तक कार्य को पास ही नहीं किया जाता हैै।
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