आखिर कहां जा रहे सलोन जगतपुर मार्ग के किनारे लगे सीमेंट के पुराने ईंटे?
निचले स्तर के जिम्मेदार डिपो भेजने का दे रहे तर्क, ईंटों को बेचने का आरोप लगा रहे ग्रामीण पूरे जोधी से लेकर पिछवारा गांव तक रोड के किनारे के उठवा ले गये सीमेंट के पुराने ईंटे
अनुभव शुक्ला
सलोन, रायबरेली। साहब “ये पब्लिक है सब जानती है” इस पुराने गीत को आप लोगों ने जरुर सुना होगा। इस गीत की पंक्तियां आये दिन चरितार्थ होती है किंतु साहब हैं की मानते नहीं। जी हां, यह एक कड़वा सत्य है।
जिले की सलोन एक ऐसी तहसील क्षेत्र जहां पर भ्रष्टाचारी साहबों के नाम पर खुल्लमखुल्ला लूट मचा रखे हैं। चाहे वह राजस्व विभाग हो नहर विभाग हो या फिर पीडब्ल्यूडी। निचले स्तर के साहब भले ही जनता को भोली भाली समझकर गुमराह करें किन्तु सवाल सिस्टम पर वहां पर खड़ा होता है जब सलोन जगतपुर मार्ग के चौड़ीकरण के दौरान रोड के किनारे बिछाये गये इंटरलाकिंग के पुराने सीमेंट ईंटों को ट्रालियों पर लाद कर बाहर भेजा जा रहा है।
इस बावत रोड के किनारे कार्य करवा रहे एक जिम्मेदार से पूछने पर दबी जुबान में ऊंचाहार डिपो ईंटों को भेजने की बात कहे किंतु ग्रामीणों के आरोपों में भी कहीं न कहीं सच्चाई सामने आ रही है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ क्षेत्रीय ग्रामीणों ने बताया की पुराने सीमेंट के ईंटों को निचले स्तर पर मौजूद कुछ साहबों द्वारा पुराने सीमेंट के ईंटों से कम दामों में बेंचकर अब तक में लाखों रुपयों की कमाई कर ली गई।
आखिर कहां तक मामले में सच्चाई है, क्या है हकीकत, क्या है फंसाना। आखिर लाखों रुपए के पुराने सीमेंट ईंटों से जेब गर्म हो रही है या फिर ईंटों को किसी अन्य सरकारी कार्य में लिया जायेगा। तेजस टूडे हिंदी दैनिक अखबार की टीम ऐसे भ्रष्टाचार के मामलों से पर्दा उठाने के लिए पहले से ही मुहीम छेड़ रखी है।
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