भ्रष्टाचारी डकार गये 6 सौ कुंटल गेहूं व चावल, 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
गोदाम प्रभारी व प्रबंधक ने किया था खेल, सवालों के कटघरे में आपूर्ति विभाग अनुभव शुक्ला/सन्दीप पाण्डेय रायबरेली। जिले में भ्रष्टाचार का पितामह कहा जाने वाले खाद्य एवं रसद विभाग का कारनामा खुलकर सामने आते ही भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। किन्तु यदि जांच किया जाए तो डलमऊ, ऊंचाहार, लालगंज तथा सलोन जैसी तहसीलों में भी भ्रष्टाचार का पुलिंदा निकल कर सामने आ जाए। ग़रीबों को बटने वाला साढ़े छह सौ कुंटल गेहूं और चावल गोदाम प्रभारी व जिला प्रबंधक मिलकर डकार गए। अप्रैल माह से चल रही जांच के बाद एक दिन पहले ही पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। मामला महाराजगंज स्थित खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम के गोदाम से जुड़ा है। यहां अप्रैल माह से गोदाम प्रभारी गोदाम में ताला लगाकर फरार था। ज़िला प्रबंधक ने एक निजी और एक सरकारी गोदाम का ताला तोड़वाकर जब खाद्यान्न की जांच कराई तो सैकड़ों कुंटल अनाज कम था।
मामला ज़िला प्रशासन के संज्ञान में आया तो इसकी जांच बैठा दी गई। दो दिन पहले राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम व बाल पुष्टाहार, मध्यान्ह भोजन आदि योजनाओं के तहत दिये जाने वाले सरकारी खाद्यान्न घोटाले की जांच पूरी हो गयी। जांच के दौरान खाद्यान्न सत्यापन में दो सौ कुंटल से ज़्यादा गेहूं और ढाई सौ कुंटल से ज़्यादा चावल कम पाए जाने पर जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने गोदाम प्रभारी राम सिंह व जिला प्रभारी पवन चतुर्वेदी के बाद गोदाम का चार्ज लेने वाले प्रदीप कुमार व तत्कालीन जिला प्रबन्धक विनोद कुमार तथा वर्तमान मे तैनात गोदाम प्रभारी यज्ञनाथ त्रिपाठी के विरूद्ध कोतवाली महाराजगंज में आवश्यक वस्तु अधिनियम तथा लोक सेवक होते हुए गबन का अपराध करने सम्बन्धित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। जिला प्रशासन की इस कार्यवाही की जहाँ एक तरफ लोग प्रशंसा कर रहे हैं तो वहीं भ्रष्टाचारियों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
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