योगी सरकार की दरखास्तः सुप्रीम कोर्ट पीआईएल की सुनवाई नहीं, सीबीआई जांच की निगरानी करें | #TEJASTODAY

योगी सरकार की दरखास्तः सुप्रीम कोर्ट पीआईएल की सुनवाई नहीं, सीबीआई जांच की निगरानी करें | #TEJASTODAY

योगी सरकार की दरखास्तः सुप्रीम कोर्ट पीआईएल की सुनवाई नहीं, सीबीआई जांच की निगरानी करें | #TEJASTODAY संजय सक्सेना लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार की छवि को हाथरस कांड के चलते करारा धक्का लगा है। इसीलिए प्रदेश सरकार ने डैमेज कंट्रोल के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं। हाथरस के पुलिस अधीक्षक सहित अन्य कई पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई हुई है तो मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश देना भी डेमैज कंट्रोल का ही एक हिस्सा माना जा रहा है। इसी के साथ-साथ हाथरस कांड की आड़ में गलत खबर फैलाने और दंगा भड़काने की साजिश का खुलासा होने के बाद धरपकड़ की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। पीएफआई के चार सदस्यों को भी दिल्ली से हाथरस जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया है,जिनके पास से काफी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री और साहित्य बरामद हुआ है। वहीं सरकार का ध्यान इस ओर भी है कि हाथरस कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गईं कुछ जनहित याचिकाओं का भी मजबूती के साथ विरोध किया जाए। इसी लिए योगी सरकार ने तेजी दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि सुप्रीम अदालत जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करने की जगह सीबीआई जांच की निगरानी करे। योगी सरकार का यह कदम उसका मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में आज हाथरस कांड की सुनवाई है। गौरतलब हो उच्चतम न्यायालय में हाथरस कांड को लेकर कई पीआईएल दायर की गई हैं। इसी लिए योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का नोटिस मिलने का इंतजार किए बिना ही, अपनी तरफ से कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके आरोप लगाया है कि हाथरस कांड के बहाने राज्य सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया, टीवी और प्रिंट मीडिया पर आक्रामक अभियान चलाए गए। हलफनामे में कहा गया है चूंकि यह मामला पूरे देश के चर्चा के केंद्र में आ गया है, इसलिए इसकी सीबीआई से जांच का आदेश दिया गया है। हाथरस कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में राज्य सरकार ने मांग की है कि माननीय उच्चतम न्यायालय को पीआईएल पर सुनवाई की जगह सीबीआई जांच की निगरानी करनी चाहिए। इतना ही नहीं योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आधी रात को पीड़िता के अंतिम संस्कार की वजह भी बताई है,जिसके अनुसार खुफिया एजेंसियों के इनपुट थे कि इस मुद्दे को लेकर सुबह बड़े स्तर पर दंगा करने की तैयारी की जा रही है, अगर सुबह तक इंतजार करते तो स्थिति अनियंत्रित हो सकती थी। प्रदेश को दंगे की आग में झांेका जा सकता था। बहरहाल, इसके जबाव में सुप्रीम कोर्ट योगी सरकार से यदि यह पूछ ले कि आधी रात को पीड़िता का शव जलाने की उसके पास वजह थी तो फिर उसने पुलिस अधीक्षक और अन्य कुछ पुलिस कर्मियों को निलंबित क्यों किया। खैर, राज्य सरकार ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के सामने हलफनामा दाखिल करते हुए यह मांग भी की है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई की जांच हो क्योंकि झूठे तथ्यों और धारणा के आधार पर कुछ लोग सीबीआई जांच को बाधित करने की कोशिश कर सकते हैं। उधर हाथरस में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। सियासी दलों को जमावड़ा थम गया है। स्थानीय पुलिस ने जिले में जाति आधारित संघर्ष की साजिश रचने, सरकार की छवि और माहौल बिगाड़ने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

संजय सक्सेना
लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार की छवि को हाथरस कांड के चलते करारा धक्का लगा है। इसीलिए प्रदेश सरकार ने डैमेज कंट्रोल के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं। हाथरस के पुलिस अधीक्षक सहित अन्य कई पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई हुई है तो मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश देना भी डेमैज कंट्रोल का ही एक हिस्सा माना जा रहा है। इसी के साथ-साथ हाथरस कांड की आड़ में गलत खबर फैलाने और दंगा भड़काने की साजिश का खुलासा होने के बाद धरपकड़ की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।

पीएफआई के चार सदस्यों को भी दिल्ली से हाथरस जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया है,जिनके पास से काफी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री और साहित्य बरामद हुआ है। वहीं सरकार का ध्यान इस ओर भी है कि हाथरस कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गईं कुछ जनहित याचिकाओं का भी मजबूती के साथ विरोध किया जाए। इसी लिए योगी सरकार ने तेजी दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि सुप्रीम अदालत जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करने की जगह सीबीआई जांच की निगरानी करे। योगी सरकार का यह कदम उसका मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में आज हाथरस कांड की सुनवाई है।

गौरतलब हो उच्चतम न्यायालय में हाथरस कांड को लेकर कई पीआईएल दायर की गई हैं। इसी लिए योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का नोटिस मिलने का इंतजार किए बिना ही, अपनी तरफ से कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके आरोप लगाया है कि हाथरस कांड के बहाने राज्य सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया, टीवी और प्रिंट मीडिया पर आक्रामक अभियान चलाए गए। हलफनामे में कहा गया है चूंकि यह मामला पूरे देश के चर्चा के केंद्र में आ गया है, इसलिए इसकी सीबीआई से जांच का आदेश दिया गया है। हाथरस कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में राज्य सरकार ने मांग की है कि माननीय उच्चतम न्यायालय को पीआईएल पर सुनवाई की जगह सीबीआई जांच की निगरानी करनी चाहिए।

इतना ही नहीं योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आधी रात को पीड़िता के अंतिम संस्कार की वजह भी बताई है,जिसके अनुसार खुफिया एजेंसियों के इनपुट थे कि इस मुद्दे को लेकर सुबह बड़े स्तर पर दंगा करने की तैयारी की जा रही है, अगर सुबह तक इंतजार करते तो स्थिति अनियंत्रित हो सकती थी। प्रदेश को दंगे की आग में झांेका जा सकता था। बहरहाल, इसके जबाव में सुप्रीम कोर्ट योगी सरकार से यदि यह पूछ ले कि आधी रात को पीड़िता का शव जलाने की उसके पास वजह थी तो फिर उसने पुलिस अधीक्षक और अन्य कुछ पुलिस कर्मियों को निलंबित क्यों किया। खैर, राज्य सरकार ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के सामने हलफनामा दाखिल करते हुए यह मांग भी की है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई की जांच हो क्योंकि झूठे तथ्यों और धारणा के आधार पर कुछ लोग सीबीआई जांच को बाधित करने की कोशिश कर सकते हैं।

उधर हाथरस में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। सियासी दलों को जमावड़ा थम गया है। स्थानीय पुलिस ने जिले में जाति आधारित संघर्ष की साजिश रचने, सरकार की छवि और माहौल बिगाड़ने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

 

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दाह संस्कार को गई शव को पुलिस ने लिया कब्जे में | #TEJASTODAY पत्नी सहित ससुराली जनों ने लगाया हत्या का आरोप सुरेरी, जौनपुर। बीते रविवार की रात लगभग 8 बजे नेवढ़िया थाना क्षेत्र के दोदापुर गांव निवासी छविनाथ मिश्र के 40 वर्ष पुत्र विनय मिश्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के परिजनों की मानें तो युवक पारिवारिक कलह को लेकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था। वही घटना के बाद मृतक के परिजन बगैर किसी को सूचना दिए मृतक के शव को दाह संस्कार के लिए वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर लेकर पहुंच गए थे। किसी तरह से घटना की सूचना मायके गई पत्नी प्रतिमा को लगी तो उन्होंने घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक जौनपुर सहित जिलाधिकारी जौनपुर को दी, और परिजनों के साथ पत्नी भी मणिकर्णिका घाट पहुंच गई। वही घंटों चले पंचायत के बाद नेवढ़िया पुलिस शव को कब्जे में लेकर थाने पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक की पत्नी प्रतिमा का आरोप है कि परिवार जनों द्वारा युवक की हत्या की गई है, और उसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। वही मृतक के पत्नी का यह भी आरोप है कि जब वह अपने पिता दीनानाथ के साथ सोमवार को तहरीर देने नेवढ़िया थाने पहुची तो थानाध्यक्ष द्वारा फटकार लगाते हुए उन्हें थाने से भगा दिया गया। ग्रामीणों की माने तो मृतक अपने परिवार के साथ मुंबई में ही रहता था, लॉकडाउन के दौरान वह मुंबई से अपने घर आया हुआ था। मृतक की पत्नी रक्षाबंधन के पर्व पर अपने मायके गई हुई थी। मृतक को दो बच्चे हर्षीत 14 वर्ष, अंकिता 8 वर्ष है। इस संदर्भ में थानाध्यक्ष नेवढ़िया संतोष राय ने बताया कि पत्नी की शिकायत पर मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

सम्पूर्ण समाधान दिवस का हुआ आयोजन | #TEJASTODAY चंदन अग्रहरि शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय तहसील सभागार में सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन सीडीओ अनुपम शुक्ला की अध्यक्षता में हुआ। जिसमें फरियादियों द्वारा कुल 47 प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें मौके पर 11 प्रार्थना-पत्रों का निस्तारण हुआ। शेष प्रार्थना पत्र सम्बन्धित विभाग को सौंप दिया गया। वहीं कोरोना संक्रमण के चलते बिना मास्क के किसी भी फरियादी को प्रवेश नहीं करने दिया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। इस दौरान प्रमुख रुप उपजिलाधिकारी राजेश कुमार वर्मा, तहसीलदार अभिषेक राय, क्षेत्राधिकारी जितेन्द्र दूबे, वीडीओ सोंधी अनुराग राय, कस्बा कानूनगो नीरज सिंह आदि मौजूद रहे।

स्वरोजगार के लिये आनलाइन आवेदन आमंत्रित |#TEJASTODAY जौनपुर। साहब सरन रावत उपायुक्त उद्योग जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र ने बताया कि जनपद के युवा/युवतियों को उत्तर-प्रदैश सरकार द्वारा विशेष योजना एम०एस०एम०ई० के अन्तर्गत मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेत आनलाइन आवेदन के लिये पात्रता हाईस्कूल पास एवं आयु सीमा १८ से ४० वर्ष के बीच होनी चाहिए। निर्माण व सेवा क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने हेतु ऋण की सीमा १.०० लाख से २५.०० लाख तक है जिसमें आवेदक को २५ प्रतिशत अनुदान/छूट प्रदान की जायेगी। अधिक जानकारी के हेतु तहसीलवार सहायक प्रबन्धक/क्षेत्रीय सहायक शाहगंज व बदलापुर जय प्रकाश, ७००७६३७०६३, सदर व केराकत राजेश राही ९४५०३८८०८७, ७८८०३९६००१ एवं मडियाहूॅ व मछलीशहर राजेश भारती ७३९८२७८६७७, ७००७७२०३५८ से सम्पर्क करें। अन्य जानकारी के लिये किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय आकर सम्पर्क किया जा सकता है।

पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर युवक ने ​खाया जहरीला पदार्थ | #TEJASTODAY चंदन अग्रहरि शाहगंज, जौनपुर। क्षेत्र के पारा कमाल गांव में पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर बुधवार की शाम युवक ने किटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया। आनन फानन में परिजनों ने उपचार के लिए पुरुष चिकित्सालय लाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। क्षेत्र के पारा कमाल गांव निवासी पिंटू राजभर 22 पुत्र संतलाल बुधवार की शाम पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर घर में रखा किटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया। हालत गंभीर होने पर परिजन उपचार के लिए पुरुष चिकित्सालय लाया गया। जहां पर हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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