महिलाएं इस धरा पर ईश्वर की अनुपम कृति: डा. दयाराम
महिलाएं इस धरा पर ईश्वर की अनुपम कृति: डा. दयाराम
अतुल राय
हरहुआ, वाराणसी। महिलाएं (माताएं) ही इस धरा पर ईश्वर की अनुपम कृति एवं संस्कार की संवाहिका होती हैं। उक्त बातें जिला ग्राम्य विकास संस्थान परमानंदपुर में ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित आवर्तक मद अंतर्गत ग्रामीण विकास योजनाओं के बारे में ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण विषयक पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के उद्घाटन अवसर पर सेवानिवृत्त जिला विकास अधिकारी डॉ. दयाराम विश्वकर्मा ने अपने सम्बोधन में कही।
उन्होंने कहा कि इसलिए कहते हैं कि ईश्वर सर्वत्र नहीं रह सकता इसलिए माताओं को बनाया है।इस अवसर पर बतौर अतिथि उपस्थित प्रोफेसर बीएचयू शिक्षा संकाय एवं सलाहकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार डॉ. प्रेमशंकर सोनकर ने कहा कि मातृ शक्ति ही इस सृष्टि की रचयिता है इनके सशक्तिकरण को लेकर हम सभी को सोचना चाहिए। इसी के दृष्टिगत यह प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है।
इससे पूर्व सभी अतिथियों का स्वागत जिला प्रशिक्षण अधिकारी विमल कुमार सिंह द्वारा किया गया। जिला मिशन प्रबन्धक (यूपीएसआरएलएम) श्रवण कुमार सिंह द्वारा समूह प्रबंधन, नेतृत्व, ऋण देने व निर्णय लेने की प्रक्रिया के बारे जानकारी दी गयी। मास्टर ट्रेनर सुरेश पाण्डेय द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।
प्रशिक्षण में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं ग्राम्य विकास की योजनाओं की अवधारणा के बारे जानकारी दी गयी।प्रशिक्षण में डीएमएम विक्रम सिंह,अमरनाथ द्विवेदी, मुलायम सिंह यादव, मीना देवी, पूजा सिंह, सीमा व कुसुम सहित वाराणसी जनपद के विकास खण्ड चिरईगांव, बड़ागांव, चोलापुर व हरहुआ से चयनित स्वयं सहायता समूहों के 25 पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
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