जब पेड़ों की कटान पर नहीं लगेगी रोक तो कहां से मिलेगी शुद्ध हवा?
कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस पर नहीं लगा पा रहे हैं रोक
रूपा गोयल
बांदा। कानून बना ढाल तो हरित क्रांति हो गई तार तार। इस वर्ष क्षेत्र में भारी मात्रा में हरे पेड़ो का कटान किया गया है। गर्मी के 4 महीनों में लकड़ी माफिया ने कई हजार ट्रक लकड़ी की लोडिंग कर शहरों में बेच डाली हैं। बेतहासा पड़ रही गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। रोज ऊपर चढ़ते मौसम के पारा ने प्रकृति प्रेमियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है तो दूसरी ओर हरियाली के दुश्मन तेजी के साथ पेड़ों की कटान में लगे हैं।कस्बा सहित क्षेत्र के करतल, कालिंजर, गिरवा, सढ़ा आदि क्षेत्रों में बड़ी संख्या में हरे पेड़ों का कटान किया गया है। पूरे क्षेत्र से रोज 2 से 4 ट्रक लकड़ी लोड कर शहरों में बेची जा रही हैं। बेखौफ लकड़ी माफिया खुलेआम हाइड्रा से ट्रकों में लकड़ी लोड कराते हैं। वन विभाग के सेक्शन अधिकारी धरम नारायण द्विवेदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग ने 29 वृक्षो की प्रजाति पर कटान करने पर रोक लगा रखी है जबकि रिया, बबूल, यूकेलिप्टस, चिलबिल, बेरी छूट प्रजाति की लकड़ी है। इसकी कटान और निकासी के लिए वन विभाग से किसी प्रकार की अनुमति लेने का प्राविधान नहीं है। इसी कानून का फायदा उठाकर लकड़ी माफिया पेड़ों की कटान कर रहे हैं।
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