तहसील प्रशासन के बुलडोजर पर क्या भारी पड़ रहा गांधी छाप?
तहसील प्रशासन के बुलडोजर पर क्या भारी पड़ रहा गांधी छाप?
जनता ईंट उद्योग सहित अन्य भट्ठों पर कार्यवाही महज छलावा!
विशाल रस्तोगी
सीतापुर। आखिर लहरपुर तहसील प्रशासन का बुलडोजर अवैध रूप से संचालित हो रहे भठठो पर क्यो नही गरज रहा है। अगर तहसील प्रशासन को इस बात की जानकारी न हो कि लहरपुर में कुल कितने ईंट भट्ठे अवैध रूप से संचालित हो रहे है तो वह इसकी जानकारी जिला प्रशासन से सकते हैं क्योंकि कुछ महीने पहले ईंट भट्ठा संचालकों ने एक ज्ञापन डीएम को दिया था उसमें इस बात का खुलासा किया गया था। चर्चा 21 ईंट भट्ठों की थी लेकिन उस ज्ञापन में पचास के करीब ऐसे ईठ भट्ठे बताये गये थे जो अवैध रूप से चल रहे है। अगर एक या दो अवैध रूप से चल रहे ईंट भट्ठों पर कार्यवाही की गयी अन्य को भट्ठों को यूं ही अवैध रूप से संचालित होने दिया गया तो तहसील प्रशासन पर उंगलिया उठनी तय है और उठने भी लगी है। लोगों कहने लगे है कि आखिर आधी अधूरी कार्यवाही क्यो?
क्या तहसील के बुलडोजर पर गांधीछाप भारी पड़ गये है। इस तरह की चर्चा जनता स्वयं कर रही है। समूचे प्रदेश में बाबा के बुलडोजर का नाम सुनते ही रसूखदार, माफिया व अपने आप को राजनीतिक पकड़ का खिलाड़ी कहने वालों के हौसले पस्त हो जाते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि बाबा के बुलडोजर से सामना न हो, नहीं तो तहस-नहस हो जाएगा परंतु लहरपुर तहसील में जिस तरह से बुलडोजर की कार्यवाही हुई वह बिल्कुल उलट है, यहां बुलडोजर तो ईंट भट्ठों पर चलाया गया परंतु उसमें संरक्षण और गांधी छाप की बूं आ रही है। जनमानस में बातें हो रही हैं की जनता ईंट उद्योग सहित कई पर बुलडोजर चलाया गया, कच्ची ईंटों को तोड़ा गया, जिसे उपजिलाधिकारी लहरपुर पीएल मौर्या द्वारा ऐसे दिखाने की कोशिश की गयी मानों की बड़ा तीर मार दिया गया पर हकीकत में ऐसा शायद दिखाने की कोशिश सिर्फ कोशिश ही रह गयी, बातें हो रही हैं क्या बिना एनओसी ईंट भट्ठों पर जो कार्यवाही हुई सटीक थी या इस कार्यवाही पर क्या गांधी छाप भारी पड़ गया जिससे जनता ईंट उद्योग सहित जितनी भी कार्यवाही की गयी वह आम जनता व शासन-प्रशासन को दिखाने के लिए महज अधिकारियों का छलावा है? अगर ऐसा नहीं किया गया और तहसील प्रशासन के द्वारा इसपर जिस तरह ईंट भट्ठा संचालित हैं पुनः कार्यवाही क्यों नहीं की गयी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और तहसील प्रशासन की देख-रेख में इन ईंट भट्ठो पर कार्यवाही हो रही महज कच्ची ईंट तोड़कर या संरक्षण किया जा रहा है? इस पर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता, जांच का विषय है यह भी तय है जिस तरह से प्रशासन व ईंट भट्ठा संचालकों जुगलबंदी मालूम पड़ती है, इसपर शासन से ही कार्यवाही की उम्मीद की जा सकती है। तभी कुछ होने की आशा है।
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