जौनपुर घुमाय द्या

जौनपुर घुमाय द्या
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किलवा तू जौनपुर कै हमके देखाय द्या,
हे! राजा, शाही पुल चलिके घुमाय द्या।

शीतला-चौकिया कै दर्शन उहाँ होई,
कब तक राजा ई मनौतिया के ढोईं।
शिव और शक्ति कै पुजवा करा द्या,
हे! राजा, शाही पुल चलिके घुमाय द्या।
किलवा तू जौनपुर कै हमके देखाय द्या,
हे! राजा, शाही पुल चलिके घुमाय द्या।

शिक्षा कै गढ़ ऊ जमाने से हव धनिया,
दुनिया जहान से आवेनै सैलनियाँ।
लाल दरवजवा कै झंझरी देखाय द्या,
हे! राजा, शाही पुल चलिके घुमाय द्या।
किलवा तू जौनपुर कै हमके देखाय द्या,
हे! राजा, शाही पुल चलिके घुमाय द्या।

मकई कै रोटी और सत्तू भी खिलइहा,
गाढ़ी,मीठी लस्सी राजा ऊपर से पियइहा।
एकादशिया के दिन गोमती नहवाय द्या,
हे! राजा, शाही पुल चलिके घुमाय द्या।
किलवा तू जौनपुर कै हमके देखाय द्या,
हे! राजा, शाही पुल चलिके घुमाय द्या।

जौनपुर कै फेमस बाटे मोटकी मुरइया,
चलिके खियऊता बेनी साव कै मिठइया।
ओलंदगंज से हमके तू झुलनी गढ़ाय द्या,
हे! राजा, शाही पुल चलिके घुमाय द्या।
किलवा तू जौनपुर कै हमके देखाय द्या,
हे! राजा, शाही पुल चलिके घुमाय द्या।

खाला जे मुरइया जवान होई जाला,
बड़े-बड़े लोग खाने, खानै मुंशी-लाला।
पनवाँ तू खाइके बखरिया महकाय द्या,
हे! राजा, शाही पुल चलिके घुमाय द्या।
किलवा तू जौनपुर कै हमके देखाय द्या,
हे! राजा, शाही पुल चलिके घुमाय द्या।

रामकेश एम. यादव मुम्बई
(कवि व लेखक)

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