पत्रकारों पर दर्ज कर मुकदमा बचाएगी वाराणसी पुलिस अपनी लाज | #TEJASTODAY
वाराणसी पुलिस दर्ज करती है पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा
मयंक कश्यप
वाराणसी। कृष्णा पंडित पिछले 10 वर्षों से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बेहद निष्ठा व ईमानदारी के साथ काम करते आ रहे है, अभी वर्तमान में राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल एपीएन में संवाददाता के रूप में कार्यरत है व दैनिक अखबार के लिए भी लिखते है और पत्रकार कल्याण परिषद संगठन का प्रदेश अध्यक्ष भी है, वो निरंतर समाज में हो रही गरीबों के साथ अन्याय व दुर्व्यवस्था के खिलाफ अपनी कलम की आवाज बुलंद करने की कोशिश करते आ रहे है।
आपको बताते चलें कि दिनांक 7 अगस्त शाम 6:00 के आसपास उनके नंबर एक पर कासिम नामक व्यक्ति का फोन आया जिसने बताया कि पुलिस द्वारा जबरन 6 चालान काट कर मुझे रसीद थमा दिया गया वह ₹600 पुलिस द्वारा जुर्माना के नाम पर वसूल लिया गया। सूचना मिलने के बाद उन्होंने उससे संपर्क किया तो उसके हाथों में 6 चालान की रसीद थी बातचीत कर एक वीडियो बनाई और वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया जिसके बाद लगातार वाराणसी के प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा उनके ऊपर भी दबाव बनाया गया कि इसको आप मैनेज कीजिए या करवाइए लेकिन मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था मेरी गलती सिर्फ यह है कि मैंने पीड़ित के द्वारा कही गई बात को लोगों के बीच में रखने की हिम्मत की थी इसके बाद फिर वही पुलिस ने अपनी घिनौने कृत के साथ आज दशास्वमेध थाने में दिनांक 9 अगस्त को कार्यकारी थाना प्रभारी रमेश यादव द्वारा आईपीसी 188 व 504 के तहत मेरे ऊपर मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया।
अन्याय के खिलाफ लिखना यह कौन सी जुल्म है, बदस्तूर योगी के सरकार में पत्रकारों का उत्पीड़न वह फर्जी मुकदमे लाद कर उनकी आवाज को कुचलने का जोरदार प्रयास शासन और प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है आज मैं सभी पत्रकार संगठन व साथियों से निवेदन करता हूं कि इस मामले में मेरा साथ देकर आने वाले सभी नवयुवक साथियों की हौसले और उनके द्वारा समाज में कार्य करने के लिए मजबूती से समर्थन दें जिससे कि पत्रकारों पर हो रहे फर्जी मुकदमे बंद हो और सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए ऐसे कृत्य से बचे न कि पत्रकारों को अपना शिकार बनाये।