अयोध्या में रण बीच चौकड़ी भर रहे खाकी के निराले ‘चेतक’
अपने अश्वों की बहादुरी की कायल है खाकी
वीआईपी कार्यक्रम से लेकर कानून व्यवस्था सम्भालने केे मोर्चे पर डटे चेतक
राजेश श्रीवास्तव
अयोध्या। यह वेतन तो नहीं लेते हैं पर ड्यूटी पूरी निभाते हैं। अपनी परेशानी बोल नहीं सकते पर समाज की सुरक्षा में खड़े मिलेंगे। इनमें और एक पुलिसकर्मी में अंतर सिर्फ वर्दी और शारीरिक बनावट का है। बात हो रही है उन 13 बेजुबान बहादुरों की जो हर मोर्चे पर खाकी के साथ खड़े रहते हैं। महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की स्वामी भक्ति की परंपरा का निर्वहन कर रहे ये निराले अश्व भी चुनौतियों के रण में चौकड़ी भर रहे हैं।
खाकी भी इनकी क्षमता और समझदारी की कायल है। पुलिस की अश्वशाला में चेतक, तेज, निडर, सूरज, राबर्ट, राकस्टार, पीटर, सूरज एवं परम नाम के ऐसे ही 13 बेजुबान बहादुर मौजूद हैं। वीवीआईपी कार्यक्रम हो या फिर कानून व्यवस्था संभालने की चुनौती, हर परिस्थितियों में ये घोड़े निष्ठा पूर्वक अपनी ड्यूटी करते हैं। अपने प्रदर्शन के बल पर सवारों को सम्मान दिलाने वाले इन अश्वों का अलग-अलग नाम ही नहीं, बल्कि पूरा सर्विस रिकार्ड भी रखा गया है। इन सभी घोड़ों के अलग-अलग सवार भी हैं। अपने सवार की एक आवाज पर ही यह उनके पास पहुंच जाते हैं।
अधिकारी गुड़ खिलाकर करते हैं सेवा
अयोध्या। तीन पालियों में मिलाकर अश्वों को एक दिन में चार किलोग्राम आहार दिया जाता है जिसमें जौ, चना, हरी घास, चोकर के अतिरिक्त गुड़ प्रमुख है। अधिकारी जब भी अश्वशाला पहुंचते हैं तो गुड़ खिलाकर ही अश्वों की सेवा करते हैं। अश्वशाला में सभी घोड़ों के पास उनके नाम, उम्र, प्रांतीय नंबर आदि की पट्टिका भी लगाई जाती है। साथ ही एक निश्चित उम्र पर इनको सेवानिवृत्ति भी दी जाती है। सेवानिवृत्त हुए अश्व केसरी का गत दिनों निधन हो चुका है। प्रतिसार निरीक्षक बृजेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि एसएसपी शैलेश पांडेय अश्वों की देख-रेख को लेकर बेहद संवेदनशील हैं। वह स्वयं भी समय-समय पर इनका कुशल क्षेम जानने अश्वशाला आते रहते हैं। मुख्य आरक्षी महेश चंद्र मिश्र घुड़सवार पुलिस के प्रभारी हैं।
बच्चों को भाता है राबर्ट
अश्व राबर्ट बच्चों को काफी भाता है। इसकी वजह रार्बट का शांत स्वभाव है। पुलिसकर्मियों के बच्चे रार्बट की सवारी करना अधिक पसंद करते हैं।
अश्वों की ड्यूटी
कुम्भ मेला प्रयागराज और हरिद्वार, अयोध्या परिक्रमा मेला, दुर्गापूजा महोत्सव अयोध्या और सुल्तानपुर, गोविंद साहब मेला, देवा शरीफ मेला, रैतिक परेड लखनऊ, शहर गश्त आदि।