सलाखों के अन्दर है अपराधियों का सही ठिकाना: वीरेन्द्र पाल
सलाखों के अन्दर है अपराधियों का सही ठिकाना: वीरेन्द्र पाल
राम प्रकाश गौतम
टूंडला, फ़िरोज़ाबाद। अपराधी अपराधी होता है। चाहे किसी भी स्तर का हो गुंडागर्दी अराजकता रंगबाजी और अनैतिक कारोबारियों के खिलाफ सख्ती के साथ अभियान चलाकर सलाखों के अंदर भेजने की कार्रवाई के लिए चर्चित एक ऐसे पुलिस थाना इंचार्ज जो थाना पचोखरा में तैनात है।
वरिष्ठ पत्रकार अजय मिश्रा ने संयुक्त रूप से औपचारिक वार्ता करके कानून व्यवस्था पर चर्चा की पुलिस थाना प्रभारी वीरेंद्र पाल सिंह ने जो अपने हर तरह के क्षेत्र में निविदा के साथ अपराधियों की नाक में नकेल डालने की रितिक कार्यों को समूल नष्ट करने के साथ पीड़िता और आमजन को निष्ठा के साथ न्याय दिलाने के लिए हमेशा चर्चाओं में रहे, ने एक सवाल के जवाब में बताया कि अपराध पर सही तरीके के काबू पाने के लिए सबसे पहले उसके ठिकाने और शरणदाता की पहचान करके उस पर शिकंजा कसते जैसे-जैसे पुलिस की कार्रवाई तेज रफ्तार पकड़ने लगती है, वैसे—वैसे ही अपराधियों की गति धीमी पड़ जाती है और उसके ठिकाने बंद होते ही वहां आसानी से पुलिस की गिरफ्त में आ जाता है।
अन्य सवाल के जवाब में कहना है कि जब तक पुलिस और पब्लिक के बीच का रिश्ता मजबूत नहीं होगा तब तक गलत लोग भले लोगों के साथ अन्याय करते रहेंगे। इसके लिए पुलिस को भी भले लोगों के साथ विश्वास का रिश्ता बनाने के लिए समय-समय संवाद करते हुए उनके बीच में जाकर पूरी ईमानदारी के साथ नैतिक जिम्मेदारी का आवास करना होगा। साथ ही कहना है कि यदि आप अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी के साथ निभाते हुए और दुनिया की कोई भी ताकत आपके कार्यक्षेत्र में व्यवधान पैदा नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि अपराधी होता है वह चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसका सही ठिकाना तो केवल जेल की सलाखों के अंदर होना चाहिए। साथ ही चेतावनी भरे लहजे में कहना है कि जो भी अराजक तत्व कारोबारियों मेरी नजर से जब तक दूर है तब तक ही उनकी सांसे हैं जिस दिन नजर में आ गई उसके बाद उनका अंजाम क्या होगा, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
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