संदिग्ध परिस्थितियों में जेल के अंदर बंदी ने लगाई फांसी, कारागार प्रशासन पर उठ रहे सवाल
युवक के पिता ने जिला जेल प्रशासन पर लगाया हत्या का आरोप, रोड किया जाम
अनुभव शुक्ला/संदीप पाण्डेय
रायबरेली। जिले में गुरुवार को हड़कम्प उस समय मचा जब ज़िला जेल में बंद एक बंदी ने संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बंदी युवक दो महीने पहले ही दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस घटना से आक्रोशित हो परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए जेल रोड पर जाम लगा दिया था। परिजनों ने मामले की जांच कराए जाने के मांग की है।
वहीं मृतक युवक के पिता गुलाब सिंह ने जिला जेल प्रशासन पर लापरवाही व हत्या का गम्भीर आरोप लगाया है हालांकि कस्टोडियल डेथ में स्वाभाविक रूप से न्यायायिक जांच होती है जो इस मामले में भी होना तय माना जा रहा है। दरअसल जिले के बछरावां थाना क्षेत्र के खैरहनी गांव का रहने वाला राघवेंद्र सिंह 376,366 और पॉक्सो एक्ट के तहत बीते 13 सितंबर को बंद हुआ था। राघवेंद्र ने दूसरी बिरादरी की लड़की से शादी की थी जिसको लेकर परिजन नाराज़ थे।
उधर जिस लड़की से युवक ने शादी की थी वह भी नाबालिग थी जिस पर परिजनों के दबाव में मुकदमा दर्ज करा दिया था। यही कारण था कि राघवेंद्र से मिलने न ही लडकी पक्ष के आते थे और न ही युवक के परिजन आते थे। वहीं जेलर सत्य प्रकाश ने बताया कि छह नंबर बैरक में बंद राघवेंद्र गिनती के समय इधर उधर हो गया था। एक बंदी कम होने पर उसकी खोजबीन हुई तो पास की ही एक पुरानी बैरक में उसका शव अंगोछा से लटका मिला। जेल प्रशासन ने तुरंत ज़िला प्रशासन को सूचना दी। ज़िला प्रशासन ने घटनास्थल की फोरेंसिक जांच कराकर शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। यहां मॉर्चरी में परिजनों के सामने वीडियोग्राफी कराकर पोस्टमार्टम के बाद शव को सौंप दिया गया है।
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