मेडिकल के दौरान महिला की हालत बिगडऩे पर फूले पुलिस के हाथ पैर
20 दिन पूर्व दर्ज हुआ था मैटरनिटी होम संचालिका के खिलाफ मामला दर्ज रंजीत सिंह जालौन। अवैध रूप से मैटरनिटी होम का संचालन करने एवं प्रसव के दौरान जच्चा बच्चा की हालत बिगडऩे पर उन्हें मेटरनिटी होम से भगा देने के मामले में मेटरनिटी होम की संचलिका के खिलाफ लगभग बीस दिन पूर्व कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उक्त मामले में आरोपी महिला को चौकी पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस अभिरक्षा में सीएचसी में मेडिकल के दौरान उक्त महिला की हालत अचानक बिगड़ गई। हालत गंभीर होने पर डाक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रिफर किया। महिला की हालत बिगडऩे पर पुलिस के हाथ पैर फूल गए। जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला ओझा निवासी मोहम्मद आरिफ मंसूरी ने डीएम को बताया था कि उसे अपनी गर्भवती पत्नी शबनम बानो का प्रसव कराने के लिए वह नगर के मोहल्ला चुर्खीवाल में घर में संचालित निजी मेटरनिटी होम में पहुंचा।
वहां मौजूद महिला ममता पत्नी नरेंद्र कुमार ने स्वयं को नर्सिंग होम होम की संचालिका बताते हुए कहा कि उसका मेटरनिटी होम पंजीकृत है। विश्वास में आकर उन्होंने बीती 18 जुलाई को अपनी पत्नी को मेटरनिटी होम में भर्ती करा दिया। डिलीवरी के उपरांत पत्नी व नवजात शिशु की हालत गंभीर होने पर मेटरनिटी होम की संचालिका वहां से चली गई और स्टाफ ने उन्हें वहां से निकाल दिया जिसके बाद वह दोनों को सीएचसी ले गए जहां से उन्हें जिला महिला चिकित्सालय रिफर कर दिया गया। वहां भी स्थिति में सुधार न होने पर उन्हें दोनों को कानपुर रिफर कर दिया गया। उक्त मामले में डीएम ने मामले की जांच के निर्देश एसडीएम को दिए थे। एसडीएम के जांच में मेटरनिटी होम बिना पंजीकरण के चलने एवं मेटरनिटी होम की संचालिका पर वांछित योग्यता न होने के आरोप सही पाए गए थे।
एसडीएम की जांच आख्या पर डीएम ने मेटरनिटी होम का संचालन करने वाली महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश सीएमओ को दिए थे। सीएमओ के निर्देश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंदर प्रभारी डा. केडी गुप्ता ने आरोपी नर्स के खिलाफ करीब बीस दिन पूर्व रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शुक्रवार की सुबह चौकी प्रभारी नरेंद्र कुमार मिश्रा व पुलिस टीम ने उक्त महिला को उसके घर से पकड़ लिया। कोतवाली में महिला के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस अभिरक्षा में महिला का मेडिकल परीक्षण कराने के लिए उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। मेडिकल परीक्षण के दौरान ही अचानक महिला की हालत बिगड़ गई और वह अर्द्धबेहोशी की हालत में पहुंच गई। महिला की गंभीर हालत को देखते हुए डाक्टरों ने तत्काल उसे मेडिकल कालेज उरई के लिए रिफर कर दिया। महिला की हालत को देखकर जहां उसके परिजनों में चीखपुकार मच गई। वहीं पुलिस के भी हाथ पैर फूल गए।
महिला की मां ने चौकी प्रभारी पर लगाया आरोप पुलिस अभिरक्षा में मेडिकल परीक्षण के दौरान मेटरनिटी होम की संचालिका की हालत बिगडऩे के मामले में संचालिका ममता की मां शांति देवी ने अस्पताल परिसर में आरोप लगाया कि उक्त मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाने की बात कहकर चौकी प्रभारी ने उनकी बेटी से सुविधा शुल्क लिया था। सुविधा शुल्क लेने के बाद भी उन्होंने उनकी बेटी को पकड़ लिया जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। वहीं कोतवाली प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि मेटरनिटी होम संचालिका अथवा उनके परिजनों द्वारा आरोपों को लेकर कोई शिकायत नहीं की गई है। यदि शिकायत मिलती है तो जांच की जाएगी। वहीं चौकी प्रभारी नरेंद्र कुमार मिश्रा ने महिला की मां द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
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